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Ranchi : रांची के बीएनआर चाणक्य में विनिर्माण उद्योग में नई प्रौद्योगिकियों, विवाद समाधान और वेंडर विकास कार्यक्रम’ पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन

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सीआइडीसी और झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
सीआइडीसी और मेकॉन के बीच एमओआई पर हस्ताक्षर, उद्योग और शिक्षण संस्थानों से 150 से अधिक प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में लिया हिस्सा

मेकॉन लिमिटेड ने सीआईडीसी के सहयोग से को रांची के चाणक्य बीएनआर होटल में ‘विनिर्माण उद्योग में नई प्रौद्योगिकियों, विवाद समाधान और वेंडर विकास कार्यक्रम’ पर एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें उद्योग और शिक्षण संस्थानों से 150 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत पी के दीक्षित (निदेशक-परियोजनाएं, मेकॉन लिमिटेड) के उद्घाटन सत्र और स्वागत संबोधन के साथ हुई। इसके पश्चात डॉ. पी आर स्वरूप (महानिदेशक, सीआईडीसी) द्वारा स्वागत भाषण और थीम नोट संबोधन दिया गया। डॉ. डी के सिंह (कुलपति, झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय) ने भी अपना स्वागत भाषण दिया। उद्घाटन सत्र में सीआईडीसी और झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर औपचारिक हस्ताक्षर किए गए जिससे शैक्षणिक-उद्योग साझेदारी को मजबूती मिली तथा भविष्य के प्रयासों के लिए सीआईडीसी और मेकॉन के बीच आशय ज्ञापन (एमओआई) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर यू के विश्वकर्मा, कार्यपालक निदेशक, मेकॉन, नीलेश सोके, मुख्य महाप्रबंधक, मेकॉन, आर एस रमन, मुख्य महाप्रबंधक, दीपक मजूमदार, वरिष्ठ अपर निदेशक, सीआईडीसी और आशुतोष भारद्वाज, वरिष्ठ निदेशक, सीआईडीसी ने भी अपनी उपस्थिति से उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई। उद्घाटन सत्र के पश्चात मेकॉन के सहायक महाप्रबंधक डी बोस ने प्रस्तुति दी। जिसने पूरे दिन चलने वाले कई ज्ञानवर्धक सत्रों की रूपरेखा से प्रतिभागियों को अवगत कराया। सम्मेलन में चार तकनीकी सत्रों में भी प्रस्तुतियाँ दी गईं। प्रथम सत्र में ‘परियोजना डिलीवरी में नई प्रौद्योगिकियों की भूमिका’ पर चर्चा की गई जिसमें टाटा ब्लूस्कोप स्टील, मेटलकर्मा इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज, मेगालोड, समा लाइव और नीना परसेप्ट के अधिकारियों ने प्रस्तुति दी। मध्याह्न पैनल चर्चा में विवाद समाधान और संस्थागत तंत्र पर चर्चा की गई जिसमें सीआईडीसी, मेकॉन, समा लाइव के विशेषज्ञों और उद्योग जगत के वरिष्ठजनों ने हिस्सा लिया। दूसरे सत्र में ‘एमएसएमई की मदद करना’ (श्री कुणाल घोष, पूर्व कार्यपालक निदेशक, गेल), ‘कान्ट्रैक्टर रेटिंग प्रणाली’ ( उज्ज्वल कुंटे), ‘हरित निर्माण पद्धतियाँ’ ( टी. के. साहू, पूर्व निदेशक, सेल), ‘व्यावसायिक (वोकेशनल) प्रशिक्षण पहल’ (डॉ. पी. आर. स्वरूप, महानिदेशक, सीआईडीसी) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। तीसरे सत्र में सीआईडीसी के विशेषज्ञ डॉ. पी. आर. स्वरूप, आशुतोष भारद्वाज द्वारा ‘खरीद रणनीतियों के विजन’ पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। चौथे सत्र में ‘नवीनतम सामग्रियों और निर्माण नवाचारों’ पर चर्चा की गई जिसमें एसआईकेए (SIKA), एनआईएएमटी (NIAMT), रांची और आईसीसी ओडिशा चैप्टर की प्रस्तुतियाँ शामिल थीं।

सम्मेलन का समापन शाश्वत श्रीवास्तव और आयोजन संयोजक द्वारा हितधारकों के साथ महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ तथा आर.एस. रमन, मुख्य महाप्रबंधक (संरचना), मेकॉन लिमिटेड एवं आयोजन सेक्रेटरी ने प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजकों के सामूहिक प्रयासों को रेखांकित करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने नवाचार को अपनाने और सहयोगी फ्रेमवर्क को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र की तत्परता को रेखांकित किया। जिससे सुदृढ़ और भविष्य के लिए तैयार इकोसिस्टम के निर्माण के लिए सीआईडीसी और मेकॉन की प्रतिबद्धता को बल मिला।

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