Dalit Killing Sparks Controversy: रायबरेली में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या, कांग्रेस ने योगी सरकार पर बोला हमला

Dalit Killing Sparks Controversy: राहुल गांधी का नाम लेकर भी नहीं बच सका युवक, कांग्रेस ने उठाए यूपी में दलित सुरक्षा पर सवाल

Dalit Killing Sparks Controversy: रायबरेली (Raebareli) का ऊंचाहार इलाका इन दिनों एक भयावह घटना के चलते सुर्खियों में है। एक दलित युवक की चोरी के शक में भीड़ द्वारा की गई निर्मम पिटाई ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। सबसे दर्दनाक पल वह था, जब मरते हुए युवक ने अपनी आखिरी उम्मीद के तौर पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लिया — लेकिन हिंसा थमी नहीं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस (Congress) की भी प्रतिक्रिया इस घटना पर आई है जहां उन्होंने योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आखिर क्या है पूरी कहानी और कांग्रेस ने क्यों साधा सरकार पर निशाना, आइए जानते हैं विस्तार से…

भीड़ के हाथों दर्दनाक अंत

रायबरेली (Raebareli) जिले के ऊंचाहार (Unchahar) क्षेत्र में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ दलित युवक (Dalit Youth) को चोरी के शक में भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना के वक्त मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने युवक को बचाने की कोशिश की, लेकिन हिंसक भीड़ ने किसी की नहीं सुनी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में युवक बार-बार रहम की गुहार लगाता दिखा और अंत में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम लेकर न्याय की उम्मीद जताई। लेकिन उस पर लगातार हमला जारी रहा। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, हालांकि लोगों में अब भी गुस्सा और भय का माहौल है।

वायरल वीडियो से मची हलचल

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही पूरे राज्य में सनसनी फैल गई। वीडियो में युवक की लाचारी और भीड़ की क्रूरता ने इंसानियत को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेताओं ने इसे “मॉब लिंचिंग” (Mob Lynching) की श्रेणी में बताते हुए इसे राज्य की विफल कानून व्यवस्था का परिणाम कहा। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में भयमुक्त समाज का दावा खोखला साबित हो रहा है। इस वीडियो के आधार पर प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, जबकि स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

कांग्रेस का तीखा प्रहार, दलित उत्पीड़न पर उठे सवाल

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने घटना को “बेहद दुखद और अमानवीय” बताते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार पर दलितों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया। पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “उत्तर प्रदेश दलित उत्पीड़न के मामलों में देश में सबसे आगे है, और सरकार अपराधियों को खुली छूट दे रही है।” राहुल गांधी ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि यह केवल एक व्यक्ति की मौत नहीं, बल्कि समाज की संवेदनहीनता का प्रमाण है। कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा देने की मांग की है।

सरकार की प्रतिक्रिया और कानून व्यवस्था पर बहस

घटना के बाद यूपी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और बाकी संदिग्धों की तलाश शुरू की है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, राजनीतिक हलकों में यह घटना दलित सुरक्षा, सामाजिक न्याय और सरकार की जिम्मेदारी पर बड़ी बहस छेड़ गई है। विपक्ष का कहना है कि सरकार की नीतियाँ ज़मीनी स्तर पर असफल हैं, जबकि भाजपा ने इसे एक “स्थानीय अपराध” करार दिया है।

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