परिषदीय विद्यालय में नामांकित दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में नई पहल करते हुए शासन द्वारा दिव्यांग बच्चों को उनके निकट के विद्यालय में शिक्षित प्रशिक्षित करने हेतु व्यवस्था की जा रही है। उक्त दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को भी इस अभियान में शामिल करने के उद्देश्य से विकासखंड अमावा के ब्लॉक कार्यालय में अभिभावक उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न परिषदीय विद्यालयों के दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में मास्टर ट्रेनर अभय श्रीवास्तव ने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों में एक सार्थक पैदा करने की बात की तथा उनका दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली विभिन्न सरकारी सुविधाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि विकलांगता कोई शारीरिक या मानसिक कमी नहीं बल्कि एक सोच है जिससे कोई सामान्य व्यक्ति भी ग्रसित हो सकता है। शरीर में किसी प्रकार की विकृति होना कोई विकलांगता नहीं है, बल्कि एक विशेषता है, जिस पर अलग तरीके से काम करके नए मानदण्ड स्थापित की जा सकते हैं। प्रशिक्षक मीना वर्मा ने अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों को मिल गई अब तक की सुविधाओं को विषय में जानकारी देते हुए अभिभावकों को प्रेरित किया। गोष्ठी में दिव्यांग बच्चों की अभिभावकों एवं उपस्थित शिक्षकों ने भी अपने-अपने विचार रखें। अभिभावकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से परिषदीय विद्यालयों से अध्ययन प्राप्त कर चुके दिव्यांग बालक शबाब अली ने अपनी सुंदर गायकी से अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो भजन गाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शबाब ने बताया कि समेकित शिक्षा से उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर बड़े होकर तमाम सफलताएं अर्जित की उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय समेकित शिक्षा और अपने शिक्षकों को दिया। गोष्ठी में विकासखंड अमवा के भिन्न-भिन् विद्यालयों के दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभा किया।
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कार्यक्रम को सफल बनाने में सारिक अनवर सुरेश कुमार, आशीष चड्ढा, राम गोपाल शिक्षक अन्य पाण्डेय विजय, कमल, शिरीन महमूद, नज़मा बानों, अंकित कुमार राम भरत राजभर सौरव कुमार आदि ने अपने विचार रखे।