Global Powers on High Alert: भारत की मिसाइल तैयारी से दहशत में विश्व! बंगाल की खाड़ी में कुछ बड़ा करने की तैयारी, अमेरिका-चीन की बढ़ी हलचल

Global Powers on High Alert: NOTAM जारी होते ही मचा हड़कंप! भारत की अगली मिसाइल ट्रायल से दहशत में महाशक्तियां!

Global Powers on High Alert: भारत (Bharat) आने वाले दिनों में कुछ ऐसा करने जा रहा है जिसने विश्व की महाशक्तियों को भी चौकन्ना कर दिया है। बंगाल की खाड़ी में अचानक जारी हुआ ‘NOTAM’ यानी ‘नोटिस टू एयरमैन’ (Notice to Airmen) अंतरराष्ट्रीय हलचल का कारण बन गया है। मिसाइल परीक्षण से जुड़ी भारत की यह तैयारी इतनी अहम मानी जा रही है कि अमेरिका और चीन दोनों ने अपनी निगरानी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अमेरिकी जासूसी जहाज ‘ओसियन टाइटन’ हिंद महासागर में सक्रिय है, वहीं चीन का सर्विलांस शिप ‘युआन वांग-5’ भी तेजी से इस दिशा में बढ़ रहा है। आखिर भारत किस मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है, और क्यों इस पर दो महाशक्तियों की नजर है—इस रहस्य को लेकर पूरे एशिया में चर्चा तेज है।

भारत की तैयारी से बढ़ी वैश्विक बेचैनी/Global Powers on High Alert

भारत (Bharat) द्वारा बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में लंबी दूरी की मिसाइल के संभावित परीक्षण की तैयारियों ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। चीन तो पहले से ही भारत के हर मिसाइल परीक्षण पर बारीकी से नजर रखता आया है, लेकिन इस बार अमेरिका की गतिविधियों ने भी सबका ध्यान खींचा है। अमेरिकी टोही पोत ‘ओसियन टाइटन’ अब हिंद महासागर के क्षेत्र में पहुंच चुका है, जिससे साफ है कि अमेरिका भी इस परीक्षण में गहरी दिलचस्पी ले रहा है। इससे पहले चीन का ‘युआन वांग-5’ शिप मलक्का जलडमरूमध्य को पार कर इस इलाके की ओर बढ़ रहा था। माना जा रहा है कि दोनों देश भारत की इस रणनीतिक गतिविधि पर निगरानी के मकसद से यहां पहुंचे हैं।

NOTAM ने बढ़ाई उत्सुकता- रेंज में लगातार इजाफा

भारत ने 6 अक्टूबर को एक महत्वपूर्ण ‘NOTAM’ जारी किया था, जिसमें 15 से 17 अक्टूबर के बीच बंगाल की खाड़ी में मिसाइल परीक्षण की घोषणा की गई थी। शुरुआत में उड़ान निषेध क्षेत्र की लंबाई 1480 किलोमीटर बताई गई, लेकिन अगले ही दिन इसे बढ़ाकर 2520 किलोमीटर कर दिया गया। यही नहीं, कुछ ही घंटों में यह दूरी और बढ़कर 3550 किलोमीटर हो गई। यह संकेत साफ है कि परीक्षण की जाने वाली मिसाइल लंबी दूरी की होगी और संभवतः यह अग्नि श्रृंखला की कोई उन्नत मिसाइल है। इस बढ़ती रेंज से यह भी स्पष्ट है कि भारत (Bharat) अब केवल क्षेत्रीय सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक सामरिक शक्ति के रूप में खुद को मजबूत कर रहा है।

अमेरिका और चीन दोनों की निगाहें भारत पर

जहां चीन अपने ‘युआन वांग’ (Yuan Wang) श्रेणी के जहाजों के जरिए भारत के परीक्षणों पर निगरानी रखता है, वहीं अब अमेरिका का ‘ओसियन टाइटन’ भी उसी क्षेत्र में सक्रिय है। यह पहली बार है जब अमेरिकी जहाज भारत के मिसाइल परीक्षण के दौरान इस स्तर की गतिविधि दिखा रहा है। विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका (America) इस कदम से भारत (India) की मिसाइल तकनीक और क्षमता का बारीकी से अध्ययन करना चाहता है। यह स्थिति ऐसे समय सामने आई है जब भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ खटास की खबरें हैं—खासकर पाकिस्तान के साथ अमेरिका के हालिया समीकरणों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे विवादों के बाद। इन परिस्थितियों ने इस निगरानी गतिविधि को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है।

निगरानी रणनीति के पीछे की सच्चाई

मालदीव (Maldives) के पास इन जहाजों की उपस्थिति किसी सामान्य संयोग की तरह नहीं दिखती। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका और चीन दोनों भारत की रक्षा प्रगति और मिसाइल टेक्नोलॉजी को समझने के लिए समन्वित निगरानी मिशन चला रहे हैं। इनकी चुनी गई लोकेशन ऐसी है कि वे बंगाल की खाड़ी में होने वाली किसी भी सैन्य गतिविधि को सीधे ट्रैक कर सकते हैं। चीन पहले से ही अपनी ‘युआन वांग’ श्रृंखला के जहाजों के माध्यम से भारत के हर बड़े मिसाइल परीक्षण की मॉनिटरिंग करता आया है, लेकिन इस बार अमेरिका की भागीदारी से यह संकेत भी मिल रहा है कि भारत की सैन्य क्षमताएं अब वैश्विक महाशक्तियों के लिए भी अध्ययन का विषय बन चुकी हैं।

भारत की मिसाइल शक्ति का नया अध्याय

भारत आज दुनिया के सबसे सशक्त मिसाइल शस्त्रागारों में शामिल है। अग्नि श्रृंखला की मिसाइलें उसकी रणनीतिक ताकत की रीढ़ हैं। अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक की मिसाइलें विभिन्न दूरी की रेंज को कवर करती हैं, जिनमें अग्नि-5 की क्षमता 5000 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल MIRV तकनीक से लैस है, जो एक साथ कई लक्ष्यों को साध सकती है। हाल ही में भारत ने ‘अग्नि-प्राइम’ मिसाइल का परीक्षण भी सफलतापूर्वक किया था जिसकी रेंज लगभग 2000 किलोमीटर है। अब जो परीक्षण होने जा रहा है, उसके 3550 किलोमीटर की रेंज संकेत देती है कि यह या तो अग्नि-4 का उन्नत संस्करण है या कोई बिल्कुल नई तकनीक आधारित मिसाइल। यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को नए शिखर पर ले जाने वाला साबित हो सकता है।

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