गोरखपुर बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र ने बनाया एक अनोखा लेजर धनुष, जिसकी मदद से 1 किलोमीटर की दूरी से जलाया जा सकता है रावण, बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र ने दशहरा पर्व को ध्यान में रखकर बनाया है लेजर धनुष, इस धनुष को बनाने में 5 दिन का समय लगा है, और लगभग 15 हजार रूपये का खर्चा आया है, इसे बनाने के लिए लेजर सेंसर, रेडियो सर्किट, बैटरी जैसे कई उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है, इसे आईटीएम गीडा के तृतीय वर्ष के छात्र अंशित ने बनाया है।
बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र अंशित ने इस बाण में कई उपकरणों का उपयोग किया है उन्होंने धनुष में बाण की जगह लेज़र लेंस लगाया है, यह धनुष दो हिस्सों से मिलकर बना है, पहला हिस्सा लेज़र लेंस ट्रांसमीटर है, जो धनुष पर लगा होता है, दूसरा हिस्सा लेज़र लाइट रिसीवर यानी सेंसर है, जिसे रावण की नाभि में लगाया जाता है, जैसे ही धनुष का बटन दबाया जाता है, लेज़र किरण सेंसर से जुड़कर गर्मी पैदा करती है और रावण का दहन हो जाता है, इस विधि से लोग काफी दूरी से रावण का दहन कर सकते हैं जिससे वह सुरक्षित भी रहेंगे और दूर से रावण दहन देख भी सकेंगे।

अंशित का कहना है कि दशहरा देश का बड़ा त्योहार है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, इस मौके पर मेलों में बहुत भीड़ रहती है, ऐसे में यह लेज़र धनुष दूर से ही रावण दहन करने में मदद करेगा और दुर्घटनाओं से बचा सकेगा, इस धनुष को बनाने में पाँच दिन लगे है और करीब पंद्रह हज़ार रुपये का खर्च आया, इसे बनाने के लिए लेज़र सेंसर, रेडियो सर्किट, हीटिंग प्लेट और बैटरी जैसी चीज़ों का इस्तेमाल किया गया है।