Rajnath Singh Flags Off Tejas MK-1A: तेजस MK-1A की पहली उड़ान: भारत अब हर हथियार खुद बना रहा है

Rajnath Singh Flags Off Tejas MK-1A: राजनाथ सिंह ने HAL नासिक से तेजस MK-1A विमान का उद्घाटन किया

Rajnath Singh Flags Off Tejas MK-1A: देश की रक्षा तैयारियों को नई मजबूती देते हुए शनिवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने नासिक स्थित HAL के नए प्रोडक्शन हब से तेजस LCA MK-1A लड़ाकू विमान का उद्घाटन किया। यह न केवल भारतीय वायुसेना के लिए ऐतिहासिक पल है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की क्षमता का प्रतीक भी बन गया। तेजस MK-1A की पहली उड़ान के दौरान रक्षा मंत्री स्वयं मौजूद रहे और इसे ‘गर्व का क्षण’ बताया। नासिक प्लांट अब HAL की उत्पादन क्षमता को और बढ़ाएगा, जिससे हर साल और अधिक विमान तैयार होंगे। आइए जानते हैं पूरी खबर और जानें कैसे यह विमान भारत की रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में नई ताकत जोड़ रहा है।

नासिक में HAL का नया प्रोडक्शन हब/Rajnath Singh Flags Off Tejas MK-1A

नासिक (Nasik) स्थित HAL के नए प्रोडक्शन हब का उद्घाटन तेजस MK-1A की पहली उड़ान के साथ किया गया। यह भारतीय रक्षा उत्पादन में एक नया मील का पत्थर है। इस प्लांट में HAL की तीसरी उत्पादन लाइन और HTT-40 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की दूसरी लाइन भी शामिल हैं। इससे पहले तेजस विमानों का निर्माण केवल बेंगलुरु की दो यूनिट्स में होता था, जहां सालाना 16 विमान बनते थे। नासिक यूनिट जुड़ने के बाद HAL की कुल उत्पादन क्षमता 24 विमान प्रति वर्ष हो जाएगी। इस नई यूनिट के निर्माण में 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत लगी है, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है।

रक्षा मंत्री के विचार और गर्व का क्षण

तेजस MK-1A की पहली उड़ान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इसे ‘गर्व का क्षण’ बताया। उन्होंने कहा कि नासिक केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि अब रक्षा उत्पादन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। उनके अनुसार, भारत ने अब वह सब कुछ खुद बनाना शुरू कर दिया है, जो पहले विदेशों से आता था। फाइटर जेट, मिसाइलें, इंजन और अन्य रक्षा उपकरण अब देश में निर्मित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय एयरोस्पेस उद्योग (Indian Aerospace Industry) अब वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति में है। यह उद्घाटन न केवल वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) के तहत देश की आत्मनिर्भरता और तकनीकी क्षमता का प्रतीक भी बन गया है।

अंतरिक्ष और एयरोस्पेस क्षेत्र में प्रगति

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बताया कि भारत सिर्फ रक्षा क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि स्पेस टेक्नोलॉजी में भी उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India) पहल के तहत न केवल लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया गया है, बल्कि एयरोस्पेस उपकरणों के निर्माण में नई ऊंचाइयों को छुआ गया है। तेजस MK-1A का निर्माण इसी दिशा का उदाहरण है। इस विमान की डिजाइन और विकास पूरी तरह से भारत (India) में हुआ है। देश की वायुसेना और नौसेना के लिए यह विमान युद्ध क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह कदम भारत को अंतरराष्ट्रीय एयरोस्पेस मानचित्र पर मजबूत स्थिति दिलाने में मदद करता है।

तेजस MK-1A की तकनीकी खूबियां

तेजस MK-1A (Tejas MK-1A) भारत में डिजाइन और विकसित 4.5 जनरेशन का मल्टी-रोल फाइटर जेट है। इसे विशेष रूप से मिग-21 की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है। इसमें हवा में ईंधन भरने की क्षमता, बेहतर एवियोनिक्स, और 64% से अधिक स्वदेशी कंपोनेंट्स शामिल हैं। यह विमान वायुसेना, नौसेना और जमीनी अभियानों के लिए तैयार हथियार प्रणाली से लैस है। तेजस MK-1A हवा से हवा, जमीन और समुद्र पर हमले करने में सक्षम है, जिससे भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता को नई दिशा मिलेगी। यह विमान भारत की आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन और तकनीकी क्षमता का प्रतीक बन चुका है।

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