प्राथमिक विद्यालय सरेनी के प्रिंसिपल ने बच्चों की पुस्तकों को कबाड़ी के हाथों बेचा, भारी विरोध के बाद बीएसए ने दी जांच का आदेश

रायबरेली के सरेनी विकास खंड के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय सरेनी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बच्चों के लिए सरकार द्वारा निशुल्क प्रदान की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को कथित तौर पर कबाड़ी को बेच दिया गया। इस घटना का वीडियो स्थानीय ग्रामीणों ने रिकॉर्ड किया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो के वायरल होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) सरेनी को जांच का जिम्मा सौंपा है।

बताते चलेंगे विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सरेनी में बच्चों को मुफ्त में वितरित की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को कबाड़ी को बेचने का आरोप स्कूल की प्रधानाध्यापिका शैलजा तिवारी पर लगा है। स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि ये किताबें, जो बच्चों के पढ़ाई के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई थीं, कबाड़ी को बेच दी गईं।ग्रामीणों ने इस घटना को अपने मोबाइल में कैद कर लिया और वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया, जिसके बाद यह मामला तेजी से चर्चा में आ गया।

प्रधान ने अपनी बयान में कहा कि ये किताबें बच्चों के भविष्य के लिए होती हैं। सरकार इन्हें मुफ्त में देती है ताकि गरीब बच्चों को शिक्षा मिल सके। इन्हें कबाड़ी को बेचना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। हमने वीडियो बनाकर इस गलत काम को उजागर किया है।

ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल सिंह तक पहुंचने के बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया। बीएसए राहुल सिंह ने कहा कि हमें सोशल मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी मिली है। यह एक गंभीर विषय है। हमने बीईओ सरेनी को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। जांच के नतीजों के आधार पर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि निशुल्क पुस्तक वितरण योजना बच्चों की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और इसमें किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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