खलारी : झारखंड जनशक्ति मोर्चा के अध्यक्ष सह मजदूर नेता शेख वकील अहमद ने कहा है कि 2024 की हुई लोक सभा चुनाव के बाद एनडीए की सरकार ने पहली बार किसी मुस्लिम समुदाय को अपने मंत्री मंडल में जगह नहीं दिया। एनडीए सरकार में शामिल लोग चाहते तो मुस्लिम समाज से भी केन्द्रीय मंत्री मंडल में आसानी से जगह दे सकते थे, लेकिन आश्चर्य की बात है कि किसी एनडीए नेता ने मुस्लिम मंत्री बनाने को लेकर अपनी बात को नहीं रखी जो गंभीर विषय है। हालाकि भाजपा ने 2014 में सात 2019 में छः और 2024 की चुनाव में भाजपा ने केरल मलपपुर सीट से एक मुस्लिम प्रत्याशी बनाया तो था, लेकिन 2014 से 2024 तक इन सीटों पर सभी चुनाव हारते रहें इस पर मोर्चा के शेख वकील ने यह भी कहा कि मोदी सरकार में मुस्लिम चेहरा का होना महज एक औपचारिकता वाली बात है। इनकी नियत मुस्लिमों के प्रति स्पष्ट नहीं रहता लेकिन देश में मुसलमानो की लगभग 20 करोड़ आबादी रहने पर भी केन्द्र सरकार में किसी मुस्लिम को प्रतिनिधी नहीं दिया जाना देश की संविधान के लिए बेहद चिंता की बात है। इन्हें राजनीती में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। इनसे वोट तो सभी ले लेते हैं, जब इन्हें अधिकार देने की बात आती है तो सभी वोट लेने वाले सेकुलर पार्टी इन्हें अधिकार नहीं देते हैं। अब इन सभी बातों को मुसलमानो को भी सोचने की जरूरत है अन्यथा मुसलमान इसी तरह हमेशा ठगाते रहेंगे।
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