5.1 प्रतिशत बच्चे कक्षा 7 से 10 में ही तम्बाकू खाना शुरू कर देते है
लैब जांच में तम्बाकू से भी ज्यादा निकोटीन गुल के अन्दर पाया गया
शनिवार को मध्य विद्यालय माराफारी बाजार नं0 2, मध्य विद्यालय हरिला एवं मध्य विद्यालय नारायनपुर बोकारो में तम्बाकू के दुष्परिणाम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि मो0 असलम जिला परामर्शी तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के द्वारा सभी बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणाम, तम्बाकू में पाये जाने वाले जहरीले तत्व, तम्बाकू नशा मुक्ति केन्द्र व तम्बाकू छोडने के उपाय के बारे में बताया गया। जिला परामर्शी मो0 असलम द्वारा बताया गया कि झारखण्ड में कुल जनसंख्या का लगभग 38.9 प्रतिशत यानी संख्या में लगभग 88 लाख लोग तम्बाकू का उपयोग किसी न किसी रूप में करते है। जिसमें 59.7 प्रतिशत पुरूष है और 17 प्रतिशत महिलायें है और जो यह 17 प्रतिशत महिलाये हैं।

इसमें सबसे ज्यादा तर लोग या तो खैनी खाती है या फिर गुल का उपयोग करती है। गुल में निकोटीन किसी भी तम्बाकू उत्पाद से लगभग तीन गुना ज्यादा होता है। जो मानव शरीर को सबसे ज्यादा नुकसान करता है। जिला परामर्शी मो0 असलम द्वारा सभी शिक्षक व बच्चों बताया गया कि भारत सरकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई। टॉफी गाईडलाईन के अनुसार सभी स्कूल को तम्बाकू मुक्त रखना है, जिसमें केवल शिक्षक की ही जवाबदेही नही बल्कि बच्चों की भी जवाबदेही है कि वह अपने विद्यालय को तम्बाकू मुक्त रखें। कार्यक्रम में तीनो स्कूल के प्राचार्य जिला परामर्शी मो0 असलम तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, सोशल वर्कर छोटेलाल दास, विद्यालय के शिक्षक, स्टाफ व बच्चे उपस्थित थे।