रिपोर्ट : मोहन कुमार
शिव शिष्यता के जनक और इस कालखण्ड के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी की द्वितीय पुण्य तिथि को संकल्प दिवस और पुण्य स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई। राँची के पुराना विधानसभा मैदान में हजारों कि संखया में शिव भक्तों और श्रद्धालुओं ने साहब श्री हरिद्रानंद जी को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा में भारत के विभिन्न राज्यों से आए लोगों ने वरेण्य गुरुभ्राता के द्वितीय पुण्य स्मृति दिवस में भाग लिया। इसके इलावा नेपाल, मलेशिया अन्य देशों से भी कई श्रद्धालुओं ने शिरकत की। विदित हो कि हृदय संबंधी रोग की वजह से 04 सितम्बर 2022 को साहब शिवलीन हो गए। बिहार के सिवान जिले के अमलोरी ग्राम में 31 अक्टूबर सन 1948 को साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी का जन्म हुआ था।

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इनकी कर्मभूमि भी बिहार रही। बाद में वे झारखण्ड आ गये और यहीं रहकर लोगों के बीच ज्ञान का प्रवाह करते रहे । शिव शिष्य हरिन्द्रानंद फाउंडेशन की अध्यक्ष बरखा आनंद बताती है कि साहब ने कहा था कि हर व्यक्ति शिव की ओर चले और यही पाठ हमें आध्यात्मिक की शिक्षा और इंसान बनाता है। वहीं उन्होंने क्या कुछ कहा आईये आपको सुनाते हैं।