खरीद खरीद कर लोग पानी पिने को मजबूर, देखने वाला कोई नहीं
कभी ट्रांसफार्मर खराब, तो कभी मोटर मे गड़बड़ी बता रहे हैं विभाग के लोग
बीते लगभग 10 दिनों से बेरमो प्रखंड के कई पंचायतों जैसे जारंगडीह उतरी, दक्षिणी, बेरमो पुर्वी, पश्चिमी, कुरपनिया पंचायत आदि क्षेत्रों के हजारों हजार लोगों के बीच पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। आलम यह है कि लोग पिने के लिये पानी खरिदने को विवश हैं। जबकि बाकी के काम नदी नालों के जल से पुरा किया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि इसके जिम्मेवार कौन है तो आईये बताते चले कि बीएंडके क्षेत्र के कुरपनिया संडेबाजार, चार नंबर आदि क्षेत्रों में वाटर सप्लाई पहले ही दम तोड़ चुकी है। लोग डीप बोरिंग के सहारे जीवन गुजार रहे थे। इसी बीत झारखंड में घर घर नल जल योजना की शुरुआत हुई। लोगो मे एक उम्मीद जगी की अब उसे पेयजल से जुझना नही पड़ेगा। सरकार भी इस योजना के पिछे पैसा पानी की तरह बहाया जगह जगह विशाल विशाल जल मिनार के साथ साथ कथारा जुनियर डीएवी विधालय के विपरित छोर पर एक विशाल व शक्ति शाली फिल्टर प्लांट का निर्माण करवाया गया ताकि लोग को शुद्ध जल मुहैया करवाया जा सके। हर पंचायत मे जल सहियाओ की चयन प्रक्रिया हुई और निर्धारित राशि लेकर लोगो के घरों तक वाटर कनेक्शन पहुंचाया गया। मगर जब से यह नल जल योजना चालू हुआ है तब से लेकर आज तक कभी भी क्षेत्र में जलापूर्ति सुचारू रूप से नही हो सका। कभी मुख्य पाइप का फटना, कभी मोटर का खराब होना, कभी फिल्टर प्लांट की सफाई तो कभी ट्रांसफार्मर का खराब होना। फिलहाल 10 दिनों से जारंगडीह मे स्थित विधुत ट्रांसफार्मर खराब बताया जा रहा है। जबकि झारखंड विधुत निगम के मिस्त्री लगातार इसे ठीक करने में जुटे हैं। मगर 10 दिनों में भी इसे ठीक नहीं किया जा सका और ना ही जलापूर्ति बहाल हो सकी है। वहीं दुसरी तरह 15 से 20 रुपये मे बिकने वाले पानी की जार की किमत 25 से 30 कर दी गई है। मगर जीवन की सबसे अहम जरुरत तो किसी भी किमत पर पुरा करना है और लोग करने को मजबूर हैं। वहीं अब खबरें छन कर आ रही है कि खराब ट्रांसफार्मर को बदल दिया गया है और अब जलापूर्ति बहाल हो जायेगी। वहीं दूसरी तरफ यह भी सूचना मिल रही है कि वहां के विधुत केबल में खराबी है जिसे मिस्त्री ठीक करने के जुगत में लगे हैं। बहरहाल समाचार लिखे जाने यानी बीते 10 वें दिन भी जलापूर्ति बाधित ही है।