महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और भारत गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गिरिडीह जिले के तीन पंचायतों – टेलोडीह (सदर ब्लॉक), मलुआटांड और करोडीह (जमुआ ब्लॉक) में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया
महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और भारत गणराज्य की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में गिरिडीह जिले के तीन पंचायतों – टेलोडीह (सदर ब्लॉक), मलुआटांड और करोडीह (जमुआ ब्लॉक) में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। इन सभाओं का मुख्य उद्देश्य “सक्षम पंचायत, विकसित भारत” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नागरिकों के अनुभवों और उनके सुझावों से ग्राम विकास की दिशा में नया दृष्टिकोण प्राप्त करना था।
● कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ
वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान: गाँव के बुजुर्गों को विशेष रूप से आमंत्रित कर सम्मानित किया गया।
पौधरोपण: पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ पंचायतों में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों ने भाग लिया।
वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव: ग्राम सभा के दौरान बुजुर्गों ने अपने जीवन के अनुभव और गाँव में आए बदलावों पर चर्चा की। गाँव के विकास में उनके अनुभवों को शामिल करने की पहल की गई।
युवाओं के लिए प्रेरणा: वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव और विचार गाँव की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक साबित होंगे।

● ग्राम सभा का संचालन
इन ग्राम सभाओं का संचालन पीरामल फाउंडेशन (Aspirational Bharat Collaborative) के प्रतिनिधियों – हिमांशु साहू, संजुक्ता पात्रा, और रहमतुन निशा ने किया। उन्होंने ग्राम सभा को सुचारू रूप से संपन्न कराया और सभी उपस्थित लोगों को ग्राम विकास की दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान किया। साथ ही जिला पंचायती राज विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
● प्रमुख बिंदु
बुजुर्गों ने गाँव के ऐतिहासिक बदलावों पर चर्चा की और वर्तमान में हो रहे विकास कार्यों पर संतोष जताया। पंचायत के विकास में युवाओं की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया गया। बुजुर्गों से प्राप्त सुझावों के आधार पर ग्राम पंचायत विकास योजना में सुधार करने का संकल्प लिया गया।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पंचायतों में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी बुजुर्गों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

● समाप्ति और निष्कर्ष
ग्राम सभा का उद्देश्य गाँव के वरिष्ठ नागरिकों के अनुभव और विचारों को ग्राम विकास में शामिल करना था। उनके अनुभव न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की योजनाओं के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इन सभाओं से स्पष्ट हुआ कि पंचायत के बुजुर्ग समाज की धरोहर हैं, और उनका योगदान गाँव को और अधिक सशक्त और समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
ग्राम सभा के अंत में सभी वरिष्ठ नागरिकों के सुझावों के आधार पर ग्राम पंचायत विकास योजना में सुधार करने का संकल्प लिया गया।