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Shardiya Navratri Puja 2024 : नवरात्र के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की होगी उपासना

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शारदीय नवरात्रि (Navratri) के दूसरे दिन शुक्रवार को मां के ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) स्वरूप की उपासना की जाती है। इनको ज्ञान, तपस्या (penance) और वैराग्य की देवी (Goddess) माना जाता है। कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है। विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है।
शारदीय नवरात्रि का शुक्रवार को दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है। इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है। विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है। जिनकी कुंडली में चन्द्रमा कमजोर होता है, उनके लिए भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत मंगलकारी मानी जाती है।

नवरात्रि में दूसरे दिन मुहूर्त

नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा के लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे. सुबह 10.17 बजे से सुबह 11.58 बजे तक अमृत काल रहेगा। फिर सुबह 11.44 बजे से दोपहर 12.29 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा, पूजा के लिए ये दोनों ही मुहूर्त श्रेष्ठ हैं।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले अथवा सफेद वस्त्र धारण करें। मां को सफेद वस्तुएं अर्पित करें. जैसे कि मिसरी, शक्कर या पंचामृत. ज्ञान और वैराग्य का कोई भी मंत्र जपा जा सकता है। वैसे मां ब्रह्मचारिणी के लिए “ॐ ऐं नमः” का जाप करना उत्तम माना जाता है। देवी की उपासना वाले दिन जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

कुंडली में चंद्रमा मजबूत करने का उपाय

यह प्रयोग नवरात्रि के दूसरे दिन करें, देवी को सफेद पुष्प अर्पित करें और सफेद वस्तुओं का भोग लगाएं। देवी को चांदी का अर्ध चन्द्र भी अर्पित करें। इसके बाद “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का कम से कम तीन माला जाप करें। अब अर्धचंद्र को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर लें। आपकी समस्या का दूर हो जाएगी।

दूसरे दिन का विशेष प्रसाद क्या है?

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्यों को दें, सब लोगों की आयु में वृद्धि होगी।

मंत्र
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में इन मंत्रों का करें उच्चारण
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:..
दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा..
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

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