एक दशक बाद हो रहे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में अभी तक 90 में से 87 सीटों के नतीजे आ चुके हैं, जिनमें नेशनल कांफ्रेंस अकेले दम पर 42 सीटें जीतने में सफल रही है। गठबंधन में शामिल कांग्रेस भी 6 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही है। इस प्रकार इंडिया गठबंधन(48) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बहुमत के नंबर(46) के पार पहुंच गया है। भारतीय जनता पार्टी जम्मू में भी अपनी उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं जीत पाई, वह अभी तक केवल 29 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र रैना भी अपनी सीट नौसेरा 7 हजार वोटों से हार गए। अपने दम पर चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी के खातें में भी एक सीट गई है, उसके उम्मीदवार मेहराज डोडा विधानसभा क्षेत्र से जीतने में सफल रहे। चुनावों से पहले जिन निर्दलीय उम्मीदवारों को लेकर सभी लोग बात कर रहे थे वह उतने असरदार साबित नहीं हुए। केवल 7 निर्दलीय उम्मीदवार इस चुनाव में जीत दर्ज कर पाए। पिछली बार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली पीडीपी केवल तीन सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही। महबूबा मुफ्ती के चुनाव न लड़ने के कारण पार्टी का पूरा दारोमदार उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती पर आया, लेकिन वह अपनी सीट भी बचाने में नाकाम रहीं। चुनाव के नतीजे आने के पहले ही उन्होंने अपनी हार मानते हुए लिखा कि मैं लोगों के जनादेश को स्वीकार करती हूं वही हरियाणा में भी हिट हो गया बीजेपी का ये सदाबहार फॉर्मूला, तोड़ दिया कांग्रेस की जीत का सपना हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की मतगणना मंगलवार सुबह शुरू हुई। दिन चढ़ते चढ़ते यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी एग्जीट पोल के कांग्रेस की जीत के दावों को झुठलाते हुए जीत की हैट्रिक लगाने जा रही है। एक दिन पहले एग्जीट पोल कांग्रेस की जीत के दावे कर रहे थे। लेकिन परिणाम ने अनुमानों को झुठला दिया। बीजेपी की जीत में एक सदाबहार फॉर्मूला फिर कारगर रहा। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 की मतगणना मंगलवार सुबह शुरू हुई। बीजेपी एग्जीट पोल के कांग्रेस की जीत के दावों को झुठलाते हुए जीत की हैट्रिक लगाने जा रही है। एक दिन पहले एग्जीट पोल कांग्रेस की जीत के दावे कर रहे थे। लेकिन परिणाम ने अनुमानों को झुठला दिया। बीजेपी की जीत में एक सदाबहार फॉर्मूला फिर कारगर रहा। 24 घंटे में बदल गए चुनावी समीकरण बीजेपी ने हरियाणा में जीत हासिल की, इसके पीछे कई फैक्टर काम करते हैं। लेकिन इन सबके बीच अमित शाह का जो सीएम बदलने का हिट फॉर्मूला है, वो हरियाणा में भी काम कर गया। परिणाम के एक दिन पहले तक तक कांग्रेस यह मान चुकी थी कि वो हरियाणा में सरकार बनाने जा रही है, साथ ही हुड्डा और सैलजा ने ठोकी थी सीएम पद पर दावेदारी कांग्रेस के भूपिंदर हुड्डा और सैलजा के बीच सीएम पद के लिए ‘कोल्डवॉर’ भी शुरू हो गया था। दोनों नेताओं ने सीएम पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी कर आलाकमान को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया था। लेकिन परिणाम आए तो कांग्रेस के लिए ऐसे साबित हुए मानो ‘छम से जो टूटे कोई सपना’। कांग्रेस ने इस हार के बाद एक बार फिर प्रशासनिक मशीनरी पर सवाल उठाया। जयराम रमेश और पवन खेड़ा भी मुखरित नजर आए। लेकिन उनके बयानों के विपरीत हरियाणा में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक बना ली।