संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भारी हंगामा हुआ। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए हवाई फायरिंग की तो दूसरी तरफ से भी फायरिंग की गई। डीआईजी ने खुद मौके पर आकर मोर्चा संभाला। उपद्रवियों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई करने की बात डीजीपी ने की है।
शहर की शाही जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा पेश किए जाने के बाद दूसरे चरण का सर्वे आज (रविवार) सुबह ही शुरू किया गया था। जैसे ही लोगों को पता लगा मस्जिद की ओर भीड़ पहुंचने लगी सुबह करीब 9:00 बजे भीड़ को हटाने का प्रयास किया गया, तो पहले धक्का मुक्की हुई और बाद में भीड़ ने पथराव कर दिया।
पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को भगाने का प्रयास किया। बताया जाता है की दूसरी ओर से भी फायरिंग की गई है। कड़ी सुरक्षा के बीच सर्वे पूरा हुआ और विष्णु जैन को बाहर निकाला गया। एसपी कृष्ण कुमार ने कहा है, कि हंगामा सुनियोजित था और हंगामा करने वालों की पहचान की जा रही है। पुलिसवाले घायल हुए हैं उन्हें इलाज के लिए भेजा है। ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। न्यायालय के आदेश पर दूसरी बार वकील विष्णु शंकर जैन की अगुवाई में टीम सर्वे करने के लिए जामा मस्जिद के अंदर रविवार तड़के पहुंची थी।

सुबह पहुंचे थे एडवोकेट कमिश्नर
जामा मस्जिद व हरिहर मंदिर प्रकरण के बाद से ही शहर में शांति व सुरक्षा व्यवस्था व्यवस्था को बढ़ा दिया गया था। इसी मामले में मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और प्रतिवादी पक्ष की काफी लोग लोग मौजूद थे।
डीजीपी ने हालात की जानकारी ली
पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच संभल जिले में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची सर्वेक्षण टीम पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, कोर्ट के आदेश पर संभल में सर्वेक्षण किया जा रहा है। कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया है। पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस पथराव करने वालों की पहचान करेगी और उचित कानूनी कार्रवाई करेगी। यह सर्वेक्षण वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका के बाद एक कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था, जिन्होंने दावा किया था कि मस्जिद मूल रूप से एक मंदिर थी। इससे पहले 19 नवंबर को भी इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्य प्रक्रिया की निगरानी के लिए मौजूद थे। घटना के बाद पुलिस ने संभल में स्थानीय लोगों से मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए वहां पहुंची सर्वेक्षण टीम पर पथराव न करने की अपील की।