ब्यूरो रिपोर्ट
परिवार का इतिहास जानने की चाहत किसे नहीं होगी. बहुत सारे लोग इसके लिए डीएनए टेस्ट कराते हैं. अमेरिका की रहने वाले 23 साल की जेना गेरवाटोव्स्की ने इसी चाहत में मजे-मजे में DNA टेस्ट करा लिया।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जेना ने बताया कि डीएनए टेस्ट कराने के बाद एक दिन वह फूलों की दुकान पर काम कर रही थी, तभी एक अज्ञात नंबर से फोन आया. आमतौर पर वह अज्ञात नंबर वाला फोन नहीं उठाती, लेकिन इस बार उसने उठा लिया. कॉल मिशिगन पुलिस का था. पुलिस ने पूछा, क्या आपने बेबी गार्नेट केस के बारे में सुना है? जेना हैरान थी. क्योंकि 1997 में इस कांड की वजह से शहर में काफी हंगामा मचा था. टायलेट के पास एक बच्चा मृत पड़ा मिला था. यह वही जगह थी जहां जेना बड़ी हुई. तब पुलिस ने जांच के बाद मामला बंद कर दिया और कहा कि बच्चे की पहचान का कोई नहीं मिला, जिसने उसे यहां फेंक दिया हो.
डीएनए मेल से हुआ खेल
लेकिन 30 साल बाद पुलिस ने जेना से कहा, तुम्हारा डीएनए उस बच्चे से मेल खाता है. इसका मतलब तुम्हारा उस बच्चे से कोई न कोई रिश्ता जरूर है. जेना ने तुरंत अपनी मां कारा गेरवाटोव्स्की को इसके बारे में बताया. लेकिन मां को लगा शायद यह कोई फर्जीवाड़ा हो सकता है. उसने जेना को सलाह दी कि किसी को व्यक्तिगत जानकारी, पासवर्ड न दे. मगर रात में जेना केा मिस्टी गिलिस का फोन आया. ये आइडेंटिफ़ाइंडर्स इंटरनेशनल की डीएनए एक्सपर्ट हैं. उन्होंने जेना से फैमिलीट्रीडीएनए का पासवर्ड मांगा, ताकि उसका डीएनए अलग डेटाबेस में अपलोड कर सकें. जेना को लगा कि यह भी फर्जीवाड़ा हो शायद, इसलिए उसने पासवर्ड देने से इनकार कर दिया.
फोन पर मां घबराई हुई थी
एक हफ्ते बाद जब वह अपनी दुकान पर थी, तभी मां का फोन आया. वह काफी घबराई हुई थी. जेना से कहा, तुरंत घर आओ. इमरजेंसी है. जितना जल्दी हो सके, आ जाओ. जब जेना पहुंची, तो उसकी मां रो रही थी. उसका भाई सदमे में था. यह देखकर जेना भी घबरा गई. बाद में उसे ऐसा रहस्य पता चला कि वह हैरान रह गई. पता चला कि वह बेबी गार्नेट से उसका खास रिश्ता है. दरअसल, जेना की मां कारा ने अपनी मां नैन्सी गेरवाटोव्स्की 18 साल की उम्र के बाद कभी बात नहीं की. क्योंकि दोनों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे. इसलिए जेना भी अपनी दादी से कभी नहीं मिली. लेकिन पुलिस ने जो बताया कि उससे वह हैरान रह गई.
असली सच आया सामने
पता चला कि नैन्सी गेरवाटोव्स्की ने शादी से पहले ही एक बेबी को जन्म दिया था, जिसकी दम घुटने से मौत हो गई थी. बाद में इस बच्चे को उन्होंने टायलेट के पास ले जाकर फेंक दिया था. पुलिस तब से इनकी तलाश कर रही थी. पुलिस का मानना था कि अगर समय से इस बच्चे को इलाज मिल जाता तो इसकी जान बचाई जा सकती थी. लेकिन नैन्सी गेरवाटोव्स्की ने जानबूझकर इस बच्चे को मार डाला. नैन्सी ने बचाव में कई दलीलें दी. कहा कि स्नान करते वक्त वह बुरी स्थिति में फंस गई थी. ऐसी स्थिति हो गई कि उसने खींचकर भ्रूण को बाहर निकाला. प्रसव के तुरंत बाद वह बेहोश हो गई. उसके पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि पुलिस को या इमरजेंसी सर्विस को फोन कर पाती या कोई सूचना दे पाती. लेकिन कोर्ट ने सारी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उसने मृत शिशु को बैग में रखा और टायलेट तक फेंककर गई. नैन्सी पर खुलेआम हत्या का आरोप लगाया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।