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दवा व्यवसायी द्वारा पत्रकार पर लगाए आरोप पाए गए फर्ज़ी, पुलिस जाँच में पत्रकार को मिली क्लीन चिट

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बीते दिनों जिले के एक दवा व्यवसायी द्वारा 500-500 रुपए के नोटों की कई गड्डियों के कार्टून में रखे जाने का वीडियो वायरल हुआ था जब वायरल वीडियो पर पत्रकारों ने समाचार प्रकाशित किया तब पत्रकारों पर दबाव बनाने की मंशा से व्यवसायी ने प्रेस वार्ता करके एक वरिष्ठ पत्रकार पर निराधार आरोप लगा कर वायरल वीडियो में दिख रहे नोटों की सच्चाई को दबाने का प्रयास किया। वायरल वीडियो में दिख रहे लाखों, करोड़ों रुपयों की सच्चाई को दबाने की मंशा एवं पत्रकारिता का गला घोंटने के कुत्सित प्रयास का जिले भर के पत्रकारों, अधिवक्ताओं, समाजसेवियों एवं राजनैतिक दलों के नेताओं ने पुरजोर विरोध किया था और सभी ने एक सुर में व्यवसायी के आरोपों एवं वायरल वीडियो में दिख रहे रुपयों की निष्पक्ष जाँच करवाए जाने की मांग की थी। पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मंडल ने भी जिले के पुलिस अधीक्षक से मुलाक़ात कर निष्पक्ष व शीघ्र जाँच करवाने की मांग की थी।

अब पुलिस ने व्यवसायी द्वारा पत्रकार पर लगाए गए आरोपों की जाँच पूरी कर ली है जिसमें व्यवसायी के आरोप तथ्यहीन व झूठे पाए गए हैं प्रेस वार्ता करके वरिष्ठ पत्रकार की छवि ख़राब करने वा धन के बल पर मीडिया को जेब में रखने की मंशा रखने वाले व्यवसायी द्वारा पत्रकार के खिलाफ किसी भी आरोप का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं करवाया गया। जिससे पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार को मामले में क्लीन चिट दे दी है, स्पष्ट हो गया है कि दवा व्यवसायी ने पत्रकार पर आरोप इसलिए लगाया ताकि नोटों की सच्चाई उजागर ना हो सके। पुलिस की जाँच में पत्रकार को तो क्लीन चिट मिल गयी है लेकिन इस प्रकरण में कई सवालों के जवाब अभी सामने आने बाकी हैं जैसे दवा व्यवसायी ने पत्रकार पर झूठा आरोप क्यों लगाया? आखिर वायरल वीडियो में दिख रहे नोटों की सच्चाई को दवा व्यवसायी क्यों छुपाना चाह रहा है? वायरल वीडियो में दिख रहे लाखों, करोड़ों रुपए व्यवसायी के पास कहाँ से आए और ये रुपए कब और किस खाते में जमा किए गए? इतने सारे धन को एक गत्ते में रखने के पीछे का खेल क्या है और इस खेल में कौन-कौन लोग शामिल हैं? वायरल वीडियो में दिख रहे नोट असली हैं या नकली? पुलिस से मिली क्लीन चिट के बाद सभी पत्रकारों ने यह मांग की है कि अभी जाँच आधी हुई है व्यवसायी द्वारा आरोपों में सच्चाई नहीं मिली है इससे लगता है कि वायरल वीडियो में दिख रहे रुपयों में बड़ा झोल है इसलिए वायरल वीडियो के आधार पर दवा व्यवसायी के व्यवसाय के साथ- साथ आय और व्यय की भी पूरी जाँच होनी चाहिए है।

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