- मोटर ट्रेनिंग संचालक व एआरटीओ कार्यालय में तैनात डीबीए पर गम्भीर आरोप
ब्यूरो रिपोर्ट : बंस बहादुर सिंह
रायबरेली में यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति बेअसर साबित हो रही है। यहां भ्रष्टाचार की अमरबेल उपसंभागीय परिवहन विभाग रायबरेली में चरम पर पहुंच चुकी है। इन दिनों एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार का मकड़जाल फैलता जा रहा है। जिसमें आने वाली आम जनता फसती जा रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि जब से एआरटीओ अरविंद यादव ने ज्वाइन किया है, तब से लेकर अब तक इन्होंने भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को पार कर दिया। यही नहीं डीबीए और एआरटीओ मिलकर आम जनमानस से मोबाइल नंबर चेंज करने के नाम पर 300 रुपए और ईमेल चेंज करने पर 200 रुपए की अवैध वसूली की जा रही है। जबकि नियम है कि सब फ्री में होना चाहिए। लेकिन इन लोगों ने इस कदर भ्रष्टाचार फैला रखा है कि जब तक आम जनमानस की जेब ढीली नहीं होगी। तब तक साहब काम नहीं करेंगे। आपको इस टेबल से उस टेबल, उस टेबल इस टेबल दौड़ाते रहेंगे। यह मैं नहीं कह रहा हूं यहां की जनता चीख-चीख कर कह रही है।
यहीं नहीं मोटर ट्रेनिंग सेंटर संचालक आर बी सिंह जो कि रायबरेली में तीन मोटर ट्रेनिंग सेंटराे का संचालन कर रहे हैं, और आर बी सिंह का बेटा उपसंभागीय परिवहन कार्यालय रायबरेली में डीबीए के पद पर तैनात है। यह आरोप लगना मुलाजिम है कि पिता और पुत्र मिलकर एआरटीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। इसमें एआरटीओ अरविंद यादव की भूमिका अहम मानी जाती है। एआरटीओ अरविंद यादव, डीबीए और पिता एक साथ मिलकर रायबरेली की भोली-भाली जनता से मोटी रकम की वसूली की जा रही है। जब पिता मोटर ट्रेनिंग सेंटर चला रहे,वही बेटा विकास सिंह पिता के साथ मिलकर उपसंभागीय परिवहन कार्यालय में बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एआरटीओ अरविंद यादव की इस भ्रष्टाचार में भूमिका अहम हो सकती हैं। ऐसे मामलों को शासन और प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए। वही संजय तिवारी से बात करने का प्रयास किया गया तो बात नहीं हो सकी।