रायबरेली में अपनी रथ यात्रा लेकर पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जमकर भाजपा पर हमला बोला है। का 2027 में भाजपा को अगर कोई टक्कर दे सकता है तो वह है अपनी जनता पार्टी। वहीं समाजवादी पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया कि पीडीए का जो नारा था। उसे हमने ही दिया था लेकिन समाजवादी पार्टी पीडीए को संभाल नहीं पाई और यह मेरे आने के बाद सपा मैं झूठा निकला है। दअरसल बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर उनके शुभचिंतको से लेकर राजनेताओं ने याद किया। अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दलित, पिछड़ों के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन्हें याद करते हुए उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद से कई जिलों के लिए यह विशाल संविधान रैली निकाली।कांशीराम की 91 वीं जयंती पर उन्हें यहा पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित गई की। पूर्व बसपा नेता व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने डॉ अंबेडकर, कांशीराम और ज्योतिबा फुले के संदेशों को पहुंचाने के लिए 15 मार्च से ‘संविधान सम्मान व जनहित हुंकार यात्रा’ का शुभारंभ गोमती नगर स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल से शुरू की। उनकी यात्रा कर्मस्थली रायबरेली में पहुँची, जहाँ पर जगह-जगह यात्रा का स्वागत किया गया। चुरुवा बॉर्डर, बछरावां, हरचंदपुर, गंगागंज, त्रिपुला और सारस चौराहे पर उनकी यात्रा का स्वागत किया गया और इस दौरान जनसभा को भी संबोधित किया गया। उन्होंने समर्थकों के उत्साह पर कहा कि हमें विश्वास है कि इस प्रदेश व्यापी यात्रा को समर्थन व सहयोग देकर आप सफल अवश्य बनाएंगे। साथ ही प्रदेश के युवाओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, संविदा कर्मियों की समस्याओं को लेकर भी उन्होंने कहा कि सरकार इन्हें राहत दें। सर्मथकों को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन के महानायक एवं बामसेफ डी० एस०- 4 तथा बी०एस०पी० के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष मान्य० कांशीराम साहब जी के जन्मदिन के अवसर पर कोटिश: नमन – जय भीम करते हुए समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामना दी।
उन्होंने कहा कि कांशीराम साहब ने इस देश में सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन के प्रणेता ज्योतिवा राव फूले सावित्री बाई फूले ,फातिमा शेख, छत्रपति साहू जी महाराज, भारतीय संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डॉ० अम्बेदकर व पेरियार रामास्वामी नायकर, नारायण गुरु, सन्त गाडगे, व देश में जन्मे सन्तो, गुरुओं यथा सन्त कबीर गुरु रविदास व गुरु नानक के विचारों का घर-घर जन-जन तक पहुंचाकर देश की सोई हुई कौमों का जगाकर सम्मान – स्वाभिमान का जीवन जीने व सत्ता शासन में हिस्सेदारी दिलाकर हुक्मरान बनाने की जो भूख पैदा की इसके लिए बहुजन समाज (एससी, एसटीएफ और ओबीसी) का सदैव आभारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि कांशीराम जी के प्रयास से ही जाति -पाति, छुआ-छूत ऊंच-नीच की भावना निष्प्रभावी हुई है। समाज में भाई चारा भी पैदा हुआ है। समता मूलक समाज भी बनता दिखायी पड़ा बहुजन समाज को हुक्मरान बनने का अवसर भी मिला। आज ज्योतिवा फूले बाबा साहब डॉ० भीमराव अम्बेडकर व मान्य० काशीराम जी तो हमारे बीच नहीं है किन्तु उनके विचार आज भी हमारे साथ हैं। मैं डॉ० अम्बेडकर, कांशीराम व फूले तो नहीं बन सकता, किन्तु उनके विचारों को घर-घर जन-जन तक पहुंचाने का संवाहक (डाकिया) बनने की कोशिश जरूर कर सकता हूं। इन महापुरुषों के मिशन व सामाजिक परिवर्तन आन्दोलन के संदेश को आप तक पहुंचाने के लिए ही “संविधान सम्मान व जनहित हुंकार यात्रा” का शुभारम्भ आज किया गया।
उन्होंने बताया कि सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए ताकि जिन्हें रोजगार सरकार देने में नाकाम हैं उन्हें कम से कम सरकार बेरोजगारी भत्ता दें। इसके साथ ही उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियमित करने की मांग की। संविदा कर्मियों को उनके मानक के हिसाब से मानदेय दिया जाना चाहिए। इस यात्रा में अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री भगवती प्रसाद सागर,उपाध्यक्ष शाबाद खान, दिलीप चौधरी, घुन्नी मौर्य, शत्रोहन सोनकर, शिया राम पाल सहित तमाम बहुजन मौजूद थे।
अखिलेश यादव पर बोला तीखा हमला
अपनी जनता पार्टी के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपनी ‘संविधान से सम्मान व जनहित हुंकार रथ यात्रा’ के दौरान रायबरेली में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। मौर्या ने अखिलेश की राजनीतिक रणनीति और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठन को लेकर सवाल उठाए, जिसे वे कभी सपा के साथ मिलकर मजबूत करने का दावा करते थे।
मौर्या ने कहा, “पीडीए का विचार सामाजिक न्याय और शोषित वर्गों के उत्थान के लिए था, जिसमें मैं शुरू से हिस्सा रहा। लेकिन अब अखिलेश यादव इसकी दिशा को लेकर पूरी तरह भ्रमित हैं। वे कभी इसमें अगड़ा वर्ग जोड़ लेते हैं तो कभी अल्पसंख्यक, जिससे इस गठन का मूल उद्देश्य ही धूमिल हो गया है।” उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा, “जो खुद भ्रम की स्थिति में है, वह समाज को क्या दिशा दे पाएगा?”