भोपाल की गलियों में कुछ तो ऐसा हुआ कि पूरा शहर सन्न रह गया। एक मासूम लड़की, एक मोहब्बत की कहानी और फिर सामने आया ऐसा सच, जिसने भरोसे की नींव ही हिला दी। इंस्टाग्राम पर शुरू हुई दोस्ती कब प्यार में बदली, और कब मंदिर में सात फेरे लिए गए, ये सब एक कहानी जैसा ही लगा… लेकिन फिर हुआ ऐसा खुलासा, जिसने इस कहानी को बना दिया एक जाल, जहाँ मोहब्बत से ज़्यादा बड़ी थी पहचान की माया।
घटना मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की है। एक युवती, जिसे इंस्टाग्राम पर ‘राहुल शर्मा’ नाम के युवक से दोस्ती हुई। बातचीत शुरू हुई, मुलाकातें बढ़ीं और फिर प्रेम में सब कुछ पीछे छूट गया। परिवार की मर्ज़ी के बिना ही दोनों ने कटराहिल्स स्थित एक मंदिर में शादी कर ली। लड़की ने सोचा कि उसने अपने जीवनसाथी को चुन लिया है। लेकिन उसे नहीं पता था कि जिससे वो प्यार कर बैठी है, उसका असली नाम राहुल नहीं, सोहेल खान है।
शादी के कुछ दिनों बाद जब युवती के परिजनों ने लड़के से उसकी पहचान के दस्तावेज़ मांगे, तब शुरू हुई उस सच्चाई की उल्टी गिनती, जिसने सबकुछ बदल दिया। दस्तावेज़ों की पड़ताल में सामने आया कि लड़का न तो राहुल शर्मा है, न ही हिंदू। असल में वह है सोहेल खान। यह जानकर युवती और उसके परिजन हैरान रह गए। एक लड़की, जो प्यार के भरोसे पर अपना जीवन सौंप चुकी थी, अब धोखे की गहराई में डूब गई थी।
परिजनों ने तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस का दरवाज़ा खटखटाया। युवती ने पूरी कहानी बताई और सबूत भी पेश किए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी सोहेल खान को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में अब यह भी सामने आ रहा है कि क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी या केवल व्यक्तिगत धोखाधड़ी का मामला। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है और अन्य कानूनी धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।
यह मामला सिर्फ एक लड़की और एक लड़के की कहानी नहीं है, बल्कि यह सवाल है कि क्या किसी की धार्मिक या व्यक्तिगत पहचान को छिपाकर किसी को प्रेम में फंसाना और शादी करना कानूनन और सामाजिक रूप से स्वीकार्य है? क्या ऐसे मामलों में सख्त और पारदर्शी कानून की ज़रूरत नहीं है? ‘न्यूज़ नेशन भारत’ यह मानता है कि मोहब्बत को बदनाम करने वाले ऐसे मामलों पर ना सिर्फ कार्रवाई होनी चाहिए, बल्कि समाज में भी जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि कोई और ‘राहुल’ बनकर किसी मासूम को फिर धोखा ना दे।