रायबरेली में उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर जिन गौशालाओं में मवेशियों को संरक्षित के लिए लाखों रुपए देखरेख और रखरखाव तथा व्यवस्थाओं के लिए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों की उदासीनता के चलते यहां अव्यवस्थाओं की वजह से गौशालाओं के मवेशियों की मौतें हो रही है, लेकिन जिनके कंधों पर यह जिम्मेदारी दी गई है वह लापरवाही और मनमानी पर उतारू है। जिसका जीता जाता उदाहरण यह वायरल वीडियो स्वयं बयां कर रहे हैं। सोमवार को जनपद के सदर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ब्लॉक सतांव के ग्राम पंचायत कृष्णापुर ताला की गौशाला की हालत बद से बत्तर हो गई है। यहां तैनात किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी के चलते अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां अवयस्था के चलते रोजाना मवेशियों की मौत हो रही है। जिन्हें गौशाला से बाहर एक ऑटो पर भूसे की तरह भरकर ले जाया जा रहा है, जो सरकार द्वारा मृत मवेशियों के निस्तारण के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए। उनको ताख पर रखकर यहां खुलेआम, नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गौशाला में संरक्षित किए जाने वाले मवेशियों के लिए प्रति मवेसी के हिसाब से गौशाला के लिए उसका पैसा दिया जाता है, लेकिन यहां उस सरकार के पैसे को बचाकर अपनी जेब में भर रहे हैं। जिसकी वजह से गौशाला में संरक्षित मवेशियों की मौतें हो रही है। यही नहीं स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ना तो यहां समय पर उन्हें चारा मिलता है। ना ही पानी और इतनी ज्यादा तेज धूप में खुले आसमान के नीचे जलती बालू पर मवेशी रहने को मजबूर है। इस संबंध में जब पशु चिकित्सा अधिकारी को फोन पर उनका पक्ष रखने के लिए बात करने की कोशिश की गई, तो लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ, शाशन द्वारा पशुओं को संरक्षित करने के लिए जहां लाखों करोड़ों रुपए किए जा रहे हैं। वहीं जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारी सिर्फ कागजों में खाना पूर्ति कर उच्च अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं।