रायबरेली में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के खिलाफ संविदा व निविदा कर्मचारियों को बिजली विभाग द्वारा छटनी के नाम पर बाहर निकाले जाने के विरोध में जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया है और जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया है। बुधवार को रायबरेली में विद्युत विभाग के संविदा निविदा, कर्मचारियों को अचानक सेवा से हटाए जाने के बाद उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता छा गई है। विद्युत कार्पोरेशन के सैकड़ो संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में उन्होंने एकजुट होकर जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या वैध कारण बताए सेवामुक्त कर दिया गया है, जिससे उनके और उनके परिवारों के सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने बताया कि वे लंबे समय से विद्युत विभाग में विभिन्न पदों पर संविदा के आधार पर सेवाएं दे रहे थे। इन कर्मचारियों ने बिजली आपूर्ति सुचारू रखने और उपभोक्ता सेवाओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके अनुसार, यह कदम न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि मनमाना भी है। उन्होंने मांग की कि उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस सेवा में लिया जाए और उनकी सेवाओं को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। धरना प्रदर्शन के दौरान, कर्मचारियों ने नारेबाजी की और अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे और व्यापक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए मजबूर होंगे। इस घटना ने जिले में संविदा कर्मचारियों के शोषण और उनके रोजगार की असुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। जिलाधिकारी कार्यालय ने मामले पर विचार करने और संबंधित विभाग से रिपोर्ट तलब करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि वे ठोस कार्रवाई होने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।