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राजभवन के समक्ष व्यावसायिक प्रशिक्षिका उर्मिला कुमारी धरना पर बैठ न्याय की लगाई गुहार, वहीं उठाए कई सवाल

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व्यावसायिक प्रशिक्षिका उर्मिला कुमारी क्यों हुई धरना देने को मजबूर, क्या है पूरा मामला जानिए

व्यावसायिक प्रशिक्षिका उर्मिला कुमारी राजभवन के समक्ष धरना देने को मजबूर हुई। वहीं धरने दे रही उर्मिला कुमारी का कहना है कि विगत 37 माह से झारखंड सरकार का शिक्षा विभाग व पुलिस विभाग से प्रताड़ना व पक्षपाती अन्याय की भेंट चढ़ी हूं, इसलिए आज मैं धरना प्रदर्शन के माध्यम से दोषी को दंड व स्वयं के लिए न्याय की मांग कर रही हूं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी स्कूल क्षेत्रनाथ +2 उच्च विद्यालय हरनाद, कसमार, बोकारो के अभियुक्त शिक्षक मनोज कुमार दत्ता के द्वारा सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़, कूटरचना, हेरा-फेरी एवं जालसाजी, धोखाधड़ी कर अपराधिक षड्यंत्र रचने के विरुद्ध कसमार थाना,बोकारो में तेनुघाट कोर्ट के आदेश से FIR No.-53/2024, दिनांक – 20.06.2024 को 15 संज्ञेय धारा में दर्ज हुई है। यह कि जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा व उच्च अधिकारियों को मैंने कई आवेदन देकर अभियुक्त के अपराध के खिलाफ उसे गिरफ्तार करवाने व पदमुक्त करने के लिए शिकायत भी की और अधिकारी द्वारा सत्यापित किए गए ठोस सबूत भी दिए साथ ही न्याय की गुहार भी लगाई परन्तु ये लोग सच जानकर भी अपनी आंखें बंद कर तानाशाही कर रहे है और लगातार 37 महीनों से मेरा मानसिक,आथिर्क व सामाजिक शोषण कर मेरी छवि धूमिल कर मेरे साथ अन्याय कर रहे हैं और संविधान के नियमों का खुला उल्लघंन करते हुए अभियुक्त शिक्षक मनोज कुमार दत्ता को पदमुक्त करने व उसका वेतन रोकने और उसे गिरफ्तार करवाने के बजाय अपने पद का दुरुपयोग कर उसे संरक्षित किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि अतिविचारणीय बात है कि एक आम सरकारी शिक्षक 37 माह से अपराध, भ्रष्टाचार, गलत कार्य, धोखाधड़ी, अधिकारियों को भ्रमित करना व मेरे साथ कार्यस्थल पर Physical Assault, Mentally Torture करके भी सरकारी पद पर बना हुआ हैं और पूरा सरकारी महकमा, शिक्षा विभाग व कसमार थाना पुलिस, बोकारो चुप होकर उसकी मदद कर रहा है ऐसा भी क्या फायदा / मजबूरी है जो शिक्षा विभाग व पुलिस के अधिकारी आरोपी शिक्षक मनोज कुमार दत्ता को बचा के रखें और शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चला रहे हैं। उर्मिला कुमारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि अभियुक्त शिक्षक क्षेत्रनाथ +2 उच्च विद्यालय हरनाद, कसमार का कर्मचारी है जहां से पढ़कर लोग अधिकारी व‌ विधायक और ना जाने कितने उच्च पदों पर कार्यरत हैं। यहीं गैर कानूनी अपराध कोई व्यक्ति करता तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाता पर इस शिक्षक मनोज कुमार दत्ता पर इतनी मेहरबानी क्यूं? सरकारी दस्तावेजों व सरकारी राशि की फारेंसिक आडिट हो जिससे कि निष्पक्ष सत्य सामने आए। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के भविष्य से हो रहे खिलवाड़ पर शिक्षा विभाग कब तक चुप रहेगा ? उन्होंने यह भी कहा कि अभियुक्त शिक्षक मनोज कुमार दत्ता के अपराध में अन्य सरकारी शिक्षक भी शामिल है जिसमें नन्द किशोर नायक, PGT शिक्षक विष्णुपद मंडल,महेंद्र प्रजापति व SMC अध्यक्षा प्रमिला देवी शामिल है, जिन्होंने ग्रामीण बच्चों और मेरा भविष्य बर्बाद किया। संविधान के किस प्रावधान में लिखा है कि सरकारी कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग कर दुर्व्यवहार करे,शोषण करे अधिकारी को भ्रमित करे और अपराधिक गतिविधियों से मेरा करियर व मेरी जिंदगी बर्बाद करे तो उसे दंड मिलने के बजाय उसे संरक्षित किया जाए। वहीं उर्मिला ने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि अभियुक्त शिक्षक मनोज कुमार दत्ता ने मुझे इतना प्रताड़ित किया है कि मैं मरने पर मजबूर हूं, अभियुक्त शिक्षक को पदमुक्त करते हुए गिरफ्तार करने के आदेश देने की कृपा करें और मेरे साथ न्याय करे ताकि राज्य में विधि व्यवस्था बनी रहे।

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