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झारखंड के डॉन का इंतजार कर रही है हिंदुस्तान के 182 थानों की पुलिस

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रिपोर्ट : अविनाश कुमार

झारखंड के इस डॉन का इंतजार 11 मुल्कों की पुलिस तो नहीं कर रही हैं लेकिन भारत के 182 पुलिस थानों की पुलिस को इसका बेसब्री से इंतजार है। इसने लूट कर इतनी संपति बनाई है कि उसकी जांच और जानकारी एकत्र करने में पुलिस के पसीने छूटे हुए है और उसने आयकर विभाग और ईडी से मदद मांगी है। इसके कारण बोकारो के अमन जैसे कितने युवा हत्यारे बने होंगे और कितने देवाशीष को मिली होगी मौत। बचपन से दरोगा बनने का सपना देखने वाला यह मंडल आज साइबर क्राइम का है बेताज बादशाह।

झारखंड के दुमका के रामगढ़ प्रखंड के दामोदीह का निवासी घनश्याम मंडल ने पढ़ाई कर बीटेक किया। इसने दारोगा बनने का सपना था तो वर्ष 2018 में दरोगा लिए परीक्षा दी और पास भी हुआ लेकिन यह वर्दी इसको रास नहीं आई। इसके बाद इसने साइबर फ्रॉड का रास्ता अपनाया। आपने ओटीटी प्लेटफार्म पर साइबर अपराध पर बने जामताड़ा ” एक दिन सबका नंबर आएगा ” सीरीज देखा ही होगा। समझ लिए इस अपराध का बादशाह मतलब डॉन बन गया घनश्याम मंडल। पूरे देश के विभिन्न क्षेत्रों में इसने लूट पर कमीशन तय कर गैंग बनाया। तभी तो देश के 182 थानों में इसके साइबर ठगी से पीड़ित लोगों ने केस दर्ज करवाया है। इसके ऊपर एक दिन में 02.20 करोड़ रुपए ठगने का रिकॉर्ड है। 50 करोड़ से अधिक की ठगी इसने की है। देश के विभिन क्षेत्रों में इसकी अकूत अचल संपत्ति है। पुलिस ने इसकी संपति के सही आकलन के लिए आयकर विभाग और ईडी की मदद मांगी है।

झारखंड के दुमका पुलिस के हत्थे यह बस अपने दुर्भाग्य के कारण 27 अप्रैल 2025 को चढ़ गया। दरअसल पुलिस के साथ वर्ष 2023 में इसने बदतमीजी की थी। इसी मामले में यह गिरफ्तार हुआ। इसके पास से करीबन 14 मोबाइल फोन और कई लैपटॉप मिले। इसके साथ इसके दो साथी बिट्टू मंडल, हर्ष मंडल और अन्य साथी हिरासत में लिए गए थे। पुलिस ने जब इसके मोबाइल को अपने अधिकृत ऐप पर डाल कर जांच शुरू की तो आश्चर्यजनक ठगी का जाल सामने आया। पूछताछ में फिर सारा भेद खुला। ये अपने द्वारा तैयार स्पेशल एपीके फाइल्स लोगों को भेजते और जैसे ही लोग इसको डाउनलोड करते, उनका पूरा बैंक खाता इनके कब्जे में आ जाता था और फिर उसके बाद खाते से पैसे गायब।

बोकारो के अमन कुमार वत्स की तरह ही देश भर में इन्होंने अनेक लोगों के बैंक खाते को भाड़े पर ठगी के पैसे के ट्रांजेक्शन के लिए ले रखा है। ठगी के शिकार लोग इनके द्वारा दिए गए भाड़े वाले बैंक खाते में रुपया डालते थे। पता नहीं कितने अमन और देवाशीष को इस साइबर डॉन के कारण अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी होगी। 27 अप्रैल को गिरफ्तार हुए इस साइबर अपराध के बेताज बादशाह को अपने कब्जे में लेने हेतु देश के 182 थानों की पुलिस फिलहाल इंतजार कर रही है। इतना तो तय है कि इस डॉन की सारी जिंदगी जेल में ही अब कटने वाली है।

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