झारखंड सरकार द्वारा बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल
झारखंड सरकार द्वारा बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए गुरुवार 26 जून को रांची के कांके रोड स्थित होटल मेरियट में बाल श्रम उन्मूलन पर अंतर्राज्यीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और बाल कल्याण संघ के संयुक्त तत्वावधान में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, तथा झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था झारखंड सरकार के सहयोग से संपन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन झारखंड सरकार के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव जितेन्द्र कुमार सिह, रवि रंजन कुमार विकम, श्रमायुक्त झारखंड एवं विकास कुमार उप सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग सुधी निधिको नियागोतो निदेशक ILO साउथ एशिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।

इस मौके पर झारखंड के विभिन्न जिलों से आए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यगण जिला श्रम पदाधिकारी और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि सहित झारखंड के अलावा बिहार ओडिशा पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों, बाल संरक्षण विशेषज्ञों, स्वयसेवी सस्थाओं सहित अन्य संगठनों के लगभग 200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। वहीं बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र के अनुसार झारखंड से प्रति वर्ष लगभग 12 से 15 हजार बच्चे आजीविका की तलाश में अन्य राज्यों में असुरक्षित पलायन करते हैं। इनमें से अनेक बच्चे घरेलू कार्य, ईंट भट्ठा, फैक्ट्रियों, खदानों और असंगठित क्षेत्रों में खतरनाक श्रम करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले 10 से 12 प्रतिशत बच्चे लापता हो जाते हैं, और वे अपने परिवार से हमेशा के लिए बिछुड़ जाते हैं। यह आंकड़े केवल संख्या नहीं, बल्कि उन हजारों परिवारों की टूटती उम्मीदों और बिखरते सपनों का दर्पण हैं। आगे सरकार के प्रयासों के बारे में बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच और झारखंड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, तथा महिला एवं बाल विकास विभाग झारखंड सरकार के तत्परता का उदाहरण तब देखने को मिला जब दिल्ली जैसे महानगरों से बाल कल्याण संघ द्वारा संचालित IRC सेंटर के माध्यम से 507 बच्चियों को बचाकर सकुशल झारखंड वापस लाया गया। यह केवल राहत कार्य नहीं, बल्कि यह दर्शाता है की सरकार कितने बच्चों के संरक्षण के लिए गंभीर हैं। यह प्रयास आज भी सतत जारी है।

इसी कड़ी में झारखंड सरकार ने झारखंड राज्य बाल श्रम उन्मूलन कार्य योजना 2025-2030 (Jharkhand State Action Plan) का औपचारिक शुभारंभ किया जा रहा है। यह योजना राज्य में बाल श्रम के उन्मूलन की दिशा में एक ठोस और संगठित प्रयास है, और वर्तमान सामाजिक, कानूनी एवं वैश्विक परिवेश के अनुरूप अद्यतन की गई है। जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक झारखंड से बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करना है। योजना में बाल श्रमिक बच्चों की पहचान, पुनर्वास, शिक्षा में पुनः नामांकन, परामर्श, कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक पुनस्थापन के लिए कई समन्वित प्रयासों का खाका प्रस्तुत किया गया है। COVID-19 महामारी के दुष्परिणामों से उत्पन्न चुनौतियों का संज्ञान लेते हुए यह योजना विशेष रूप से प्रवासी, ग्रामीण, आदिवासी और जोखिमग्रस्त बच्चों पर केंद्रित रणनीति प्रस्तुत करती है। यह कार्य-योजना समन्वय आधारित दृष्टिकोण को अपनाती है।