News Nation Bharat
उत्तर प्रदेशराज्य

एसपी के रवैये से दहशत में जिले के पुलिसकर्मी, सामाजिक सरोकार से एसपी दिख रहे दूर

WhatsApp Image 2024-08-09 at 12.15.19 PM
1733823103740
1733824038161
1733823719771

ब्यूरो रिपोर्ट :- शिवा मौर्य

जिनके कंधो पर पूरे जिले की कानून व्यवस्था का जिम्मा हो, उनका रवैया अगर जनता के प्रति उदासीन और बेरुखा हो तो कैसे, जिले की जनता न्याय प्रियपदों से आसीन अधिकारियों के बीच खुद को सुरक्षित महसूस कर पाएगी। दरअसल जिले के नए पुलिस अधीक्षक के आगमन के बाद से जिले के विभिन्न जगहों पर तैनात पुलिसकर्मी दहशत में चल रहे हैं। पुलिस अधीक्षक के सख्त रवैया से थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मी फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं, कि कोई गलती ना होने पाए पुलिसकर्मी ऐसे दिन काट रहे हैं। मानो कोई कार्यवाही की तलवार लटकी हुई हो। जिसको भी फोन करो वह सिर्फ एसपी की शख्ती की बात करता है, न कोई कुछ बताना चाहता है, न कोई किसी तरह की जानकारी मीडिया को देना चाहता है। रायबरेली मीडिया सेल की पुलिस वही जानकारी दे रही है, जो उसे कहा गया है। चाहे वह सही हो या गलत। खुलासा के वीडियो ऐसे डर डर के दो से तीन सेकंड के भेजे जाते हैं। जैसे मानो बहुत संघर्षों भरे वीडियो बनाए गए हो। प्रेसनोट में ऐसा लिखा जाता है। जैसे सब जल्दबाजी में किया गया हो, न गिरफ्तारी का स्थान, क्यों गिरफ्तार किया गया, क्या मामला है। किस प्रकरण में वांछित चल रहा था। ऐसे कई सवाल है, जो अधर में रह जाते हैं। पुलिसकर्मी असमंजस का गुबार लेकर कार्य कर रहे। यह सच है, कि अपने कार्यों के प्रति हर एक को सजग और सख्त होना चाहिए। लेकिन इतना भी नही की सामाजिक सरोकार से दूरियां हो जाए। एक जिला स्तर का अधिकारी होने नाते, एसपी का सामाजिक सरोकार से दूरियां होना सवालों शक पैदा करता है। कार्यशैली से प्रतीत होता है, कि एसपी का सामाजिक सरोकार से दूर दूर तक नाता नहीं है और दूरियां लगातार बढ़ती ही जा रही है। एसपी कार्यालय पर आने वाले फरियादी एसपी की चौखट से वापस लौट रहे हैं। क्योंकि बंद दरवाजे के भीतर बैठे बड़े साहब के हुक्म से बंद दरवाजे के बाहर तैनात हुक्मरान पीड़ितों को बिना इजाजत,मिलने से रोक देते हैं।और बाहर से ही एप्लिकेशन लेकर,वापस कर देते हैं । एसपी के रैवये को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही है। जिसका न्यूज़ नेशन भारत पुस्टि नही करता है। यह रवैया अब आबो हवा में तेजी से घुल रहा है। एसपी की कार्यशैली सामाजिक सरोकार से दूर दिखाई दे रही है। जिले में आगमन को लगभग एक माह होने को है। नवांगतुक पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल के बेरुखी से सिस्टमबाज जुगाड़ू पुलिसकर्मी अब तो आस पास भी भटकने से घबराते हैं, कि कही। साहब की टेढ़ी नजर न पड़ जाए और कार्यवाही का डंडा चल जाये, ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक के नए नियम कानून से न तो मीडिया को, किसी भी घटना पर कोई ठोस बयान मिलता है, न ही किसी तरह की जानकारी। वही अगर पुलिस के खुलासा की हो तो बकरी चोरी से लेकर गांजा, पोस्ता, तक कि ख़बरों पर बयान खाना पूर्ति वाला आ जाता है कभी कभी। यही नही कुछ मीडिया कर्मियों का भी फोन शायद रिसीव करना उचित नही समझते। यही रैवया रहा तो। अन्याय सड़कों दौड़ेगा और जो पहले से चल रहा है, वह अभी थाना क्षेत्रों में चल रहा है। एसपी से जनता जानना चाहती की हम किराया भाड़ा लगाकर फरियाद लेकर आएं या न आएं।

Related posts

ग्राम प्रधान पर 61 लाख 20 हजार रुपये के गबन का आरोप लगाते हुए किया धरना प्रदर्शन

News Desk

पश्चिम बंगाल : बीएसएफ की बंगाल सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक; सीमा क्षेत्र के निवासी भी रहे मौजूद

News Desk

यूपी के गोंडा में भीषण रेल हादसा, चंडीगढ़ से निकली डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 12 कोच हुए बेपटरी, 2 की मौत

News Desk

Leave a Comment