संतगुरु रविदास जी भारत के विशेष महापुरुषों में से एक हैं -प्रकाश
बेरमो : बेरमो मे संत रविवाद की जयंती शनिवार को धूमधाम से मनाई गई। बेरमो रेलवे गेट के समीप स्थित न्यू 4 नंबर अंबेडकर कॉलोनी में संत रविदास की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम उपस्थित लोगो ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। मुख्य अतिथि भाजपा नेता प्रकाश कुमार सिंह ने कहा कि सतगुरु रविदास जी भारत के विशेष महापुरुषों में से एक हैं । जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को एकता भाईचारा से जोड़ दिया था। उन्होंने जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात पात के अंत के लिए काम किया। संत रविदास की जयंती प्रत्येक वर्ष माघ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। संत रविदास ने अपना जीवन प्रभु की भक्ति और सत्संग में बिताया था। वे बेहद ही परोपकारी थे। ऐसा कहा जाता है कि इन्हें मीरा बाई भी अपना गुरु मानती थीं। इनकी प्रतिभा से सिकंदर लोदी भी प्रभावित हुआ था। मुखिया पुष्पा देवी ने कहा कि संत रविदास जी की वाणी जो मन चंगा तो कठौती में गंगा के भावार्थ को विस्तार से बताते हुए कहा कि संत रविदास लोगों के जूते सिलते हुए भगवान का भजन करने में मस्त रहते थे। इसी क्रम में एक महिला उनके पास पहुंची और उन्हें गंगा स्नान करने की सलाह दी। मस्तमौला संत रविदास जी ने कहा कि जो मन चंगा तो कठौती में गंगा, यानी यदि आपका मन पवित्र है तो यही गंगा है। इस पर महिला ने संत से कहा कि आपके कठौती में गंगा है तो मेरी झुलनी गंगा में गिर गई थी। आप मेरी झुलनी ढूंढ दीजिए । इस पर संत रविदास ने अपना चमड़ा भिगोने की कटौती में हाथ डाला और महिला की झूलनी निकाल कर दे दी। इस चमत्कार से महिला हैरान रह गई और उनके प्रसिद्धि के चर्चे दूर-दूर तक फैल गई। समाजसेवी कौशल कुमार सोनी ने कहा कि भगवान की भक्ति एवं आराधना के लिए सभी मनुष्य, किसी भी जाति ,किसी भी धर्म के लोग उपासना करते हैं। भगवान के भजन से स्त्री – पुरूष सभी बंधन से मुक्त हो जाते हैं। भगवान की भक्ति पर सबों का अधिकार है। भाजपा नेता अंजनी सिंह ने कहा कि संत रविदास जी की वाणी को अपने जीवन मे उतारने की जरूरत है। ऐसे महापुरुष को अपना आदर्श मान कर जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। इस अवसर पर चंदन गौतम, शंभू रविदास, सुमित रविदास, मुनिया देवी, मनीर रविदास ,झगरू रविदास ,बबलू रविदास, इन्डिया देवी, सुजीत कुमार गोप, कंचन देवी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।