मोदी सरकार की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब से बजट 2025 पेश किया, तब से ही अर्थशास्त्री हो या. आम जनता सभी लोग इसी चर्चा में है. कि किसको क्या मिला ? इस बजट से मिडिल क्लास खुश या बिजनेसमैन यही सब चर्चाएं हैं. जो कि हर तरफ सुनने को और देखने को मिल रही है.
आखिर कितना है… भारत सरकार पर कर्ज
भारतीय वित्त मंत्रालय के रिपोर्ट के अनुसार भारत का विदेशी कर्ज सितंबर 2024 तक 711.8 अरब डॉलर हैं. यह जून, 2024 की तुलना में 4.3 प्रतिशत अधिक है. सितंबर, 2023 के अंत में विदेशी कर्ज 637.1 अरब डॉलर था
अगर देखा जाए, तो भारत कर्ज़ लेने के मामले में, ग्लोबल कर्ज का 3.6 फीसदी हिस्सेदार है। इसके अलावा फ्रांस की हिस्सेदारी 3.5 फीसदी और इटली की 3.2 फीसदी है। कर्ज के मामले में भारत (India Debt) टॉप-10 की लिस्ट में सातवें पायदान पर है और इस पर अमेरिका के मुकाबले 10 गुना कम कर्ज है. दुनिया पर मौजूद कुल कर्ज में भारत का हिस्सा 3.2% है. 24 दिसम्बर 2024 तक।
किसी भी सरकार को कर्ज लेने की जरूर तब पड़ती है. जब सरकार की आमदनी कम और खर्च ज्यादा हो। लिए हम कुछ आंकड़ों की मदद से यह जानने की कोशिश करेंगे कि मनमोहन सरकार और मोदी सरकार के 10 सालों की तुलना में किसकी सरकार में कितना कर्ज था? आइये आज हम आपको इसकी जानकारी देंगे।
मनमोहन सिंह जी की गवर्नमेंट ने कितना कर्ज लिया
वर्ष 2014 तक मनमोहन सिंह की ‘भारत सरकार की ऋण स्थिति’ पर बजट दस्तावेज आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद दस्तावेज के अनुसार, 31 मार्च 2014 तक भारत सरकार पर 55.87 लाख करोड़ रुपये का कर्जा था । इसमें से 54.04 लाख करोड़ रुपये आंतरिक ऋण और 1.82 लाख करोड़ रुपये विदेशी (बाह्य) ऋण था।
अगर दोनों सरकारों की तुलना की जाए तो 2005 से 2013 तक मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में भारत सरकार ने कुल कर्ज 17 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये हो गया था । इस तरह कुल कर्ज में 190% की बढ़ोतरी हुई थी । 2014 से सितंबर 2023 तक भाजपा की मोदी सरकार के 9 साल में ही भारत का कर्ज 55 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 161 लाख करोड़ रुपये कर दिया था । इस तरह मोदी सरकार के कार्यकाल में कर्ज में 220% की बढ़ोतरी हुई थी। 31 मार्च 2025 तक में भारत सरकार पर 181लाख 74 हजारा करोड़ रुपए का कर्जा होने का अनुमान है, जो कि किसी भी प्रकार से आने वाले समय के लिए अच्छे संकेत समझ में नहीं आ रहे हैं।
31 मार्च 2025 तक भारत सरकार पर कुल कर्ज 1 करोड़ 74 लाख 74 हजार करोड़ रुपए का हो जाएगा, भारत की पूरी अर्थव्यवस्था 324 लाख करोड़ रुपए की है और ये कर्ज हमारी अर्थव्यवस्था के 56% के बराबर है भारत में औसतन हर व्यक्ति पर एक लाख पच्चीस हजार रूपए का कर्ज है यह कर्ज (विदेशी( बाह्य) और आंतरिक ) दोनों हैं
कई जगहों से लेना पड़ता है, कर्ज
भारत आज आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सरकार कई जगहों से कर्ज लेती है। इसमें घरेलू va विदेशी कर्ज भी शामिल हैं। देश में वह किसी बीमा कंपनी, आरबीआई, कॉरपोरेट कंपनी या किसी अन्य बैंक से भी सरकार कर्ज ले सकती है। अगर बात की जाए, विदेश में वह आईएमएफ, विश्व बैंक या अन्य अंतरराष्ट्रीय बैंकों से भी कर्ज लिया जाता है। भारत पर अभी कुल विदेशी कर्ज 711.8 अरब डॉलर है। यहां की आबादी 1.40 अरब है, तो इस हिसाब से हर भारतीय पर 5 डॉलर यानी 430 रुपये का तो सिर्फ विदेशी कर्जा है।
बजट 2025 के शोर शराबे के बीच आपको बता दें कि, भारत पर कितना कर्ज है। भारत के बजट का करीब 20 फीसदी हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च हो जाता है