Baghpat Triple Murder Case : सपा नेता व नौ महिलाओं समेत 29 नामजद और 60 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Baghpat Triple Murder Case : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दोघट थाना क्षेत्र के गांगनौली गांव में हुई सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर की घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। मस्जिद में मुफ्ती इब्राहिम की पत्नी और दो मासूम बेटियों की क्रूर हत्या के बाद अब पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते समय हुई अभद्रता के मामले में सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। दोघट पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के छपरौली विधानसभा अध्यक्ष सुरेंद्र उर्फ सौंहदर समेत नौ महिलाओं सहित कुल 29 लोगों को नामजद करते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इसके अलावा 50-60 अज्ञात लोगों के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई की गई है। यह मामला न केवल हत्या की क्रूरता को उजागर करता है, बल्कि सामाजिक तनाव और पुलिस-ग्रामीणों के बीच टकराव की परतें भी खोलता है।

घटना का पूरा विवरण: मस्जिद में खौफनाक वारदात

यह घटना 11 अक्टूबर 2025 को दोपहर करीब 1 बजे गांगनौली गांव की शेखों वाली बड़ी मस्जिद में घटी। शामली जिले के सुन्ना गांव निवासी मुफ्ती इब्राहिम पिछले तीन वर्षों से इस मस्जिद में रहकर धार्मिक कार्यों में लगे हुए थे। उनकी पत्नी इसराना आलिमा की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव की मुस्लिम बालिकाओं को दीनी तालीम देती थीं। मुफ्ती इब्राहिम उस दिन मस्जिद से बाहर थे, और इसराना अपनी दो मासूम बेटियों—पांच वर्षीय सोफिया और दो वर्षीय सुमैया—के साथ मस्जिद परिसर में मौजूद थीं।

अचानक दो नाबालिग किशोरों ने मस्जिद में घुसकर बसूली (देशी पिस्तौल) और चाकू से हमला बोल दिया। मात्र 15 मिनट के अंदर इसराना और उनकी दोनों बेटियों का गला रेत दिया गया। घटनास्थल पर खून की होली उड़ी हुई थी, और मासूम बेटियों के शवों की दर्दनाक दशा देखकर पूरा गांव स्तब्ध रह गया। स्थानीय लोगों ने चीख-पुकार मचाने पर पुलिस को सूचना दी। दोघट थाने की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।

पुलिस का त्वरित खुलासा: दो किशोरों को बाल सुधार गृह भेजा

पुलिस ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया, जिसमें हत्यारों के चेहरे साफ नजर आ रहे थे। मात्र छह घंटों में जांच एजेंसी ने दोनों नाबालिगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये किशोर मस्जिद के आसपास घूमते थे और पुरानी रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। दोनों आरोपी स्थानीय ही बताए जा रहे हैं। चूंकि वे नाबालिग हैं, इसलिए उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। एसएसपी बागपत ने बताया कि हत्या के पीछे की साजिश और अन्य संभावित सहयोगियों की जांच जारी है।

मृतका इसराना के भाई मुफ्ती इसरार ने पुलिस के खुलासे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “दो बच्चे कैसे तीन लोगों का कत्ल कर सकते हैं? यह थ्योरी संदिग्ध लगती है। हम दूध का दूध और पानी का पानी चाहते हैं। सीबीआई जांच होनी चाहिए।” परिजनों का आरोप है कि हत्या के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र हो सकता है, लेकिन पुलिस इसे खारिज करते हुए कह रही है कि सबूत स्पष्ट हैं।

शवों को पोस्टमार्टम ले जाते समय हिंसक विरोध: भीड़ का हंगामा

हत्या के खुलासे के बाद पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज ले जाने का प्रयास किया। लेकिन जैसे ही पुलिस वाहन गांव से रवाना हुआ, सैकड़ों की संख्या में महिलाओं-पुरुषों की उग्र भीड़ ने इसका विरोध शुरू कर दिया। भीड़ ने शवों को पोस्टमार्टम न होने देने की मांग की और पुलिस वाहन को घेर लिया। हंगामे के दौरान ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की, नेमप्लेट नोचने का प्रयास किया, वर्दी फाड़ने की कोशिश की और वाहन पर तोड़फोड़ करने लगे। कुछ लोगों ने पथराव की धमकी भी दी।

पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ ने एक न सुनी। किसी तरह फोर्स ने शवों को भीड़ के बीच से निकालकर मेरठ भेजा। इस दौरान टीकरी चौकी प्रभारी प्रांशु और अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हुए। थानाध्यक्ष दोघट सूर्यदीप सिंह ने बताया कि मौके पर वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी, जो अभद्रता के सबूत के रूप में इस्तेमाल होगी।

मुकदमा दर्ज: सपा नेता समेत 29 नामजद, 60 अज्ञात पर कार्रवाई

हंगामे की शिकायत पर दोघट थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 191(2) (अभद्रता), 190(3) (धमकी), 316(4) (तोड़फोड़) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। नामजद 29 लोगों में सपा के छपरौली विधानसभा अध्यक्ष सुरेंद्र उर्फ सौंहदर का नाम प्रमुख है। इसके अलावा नौ महिलाएं—जिनमें स्थानीय ग्रामीण महिलाएं शामिल हैं—भी आरोपी बनाई गई हैं। पुलिस ने 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।

सुरेंद्र सिंह ने अपना बचाव करते हुए कहा, “मैंने मौके पर भीड़ को शांत करने का पूरा प्रयास किया था। फिर भी पुलिस ने मेरा नाम जोड़ दिया। मैं इसकी शिकायत सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मिलकर करूंगा।” सपा नेताओं ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है, जबकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई वीडियो सबूतों पर आधारित है।

गांव में सन्नाटा: तनावपूर्ण माहौल

घटना के बाद गांगनौली गांव में जहां पहले शोर-शराबा और गुस्से की लहर थी, वहां अब सन्नाटा पसर गया है। नामजद लोग अपने वकीलों से सलाह ले रहे हैं और निर्दोष साबित करने की जद्दोजहद में लगे हैं। गांव में पुलिस फोर्स तैनात है, और ग्रामीणों में भय का माहौल है। एसएसपी बागपत सूरज कुमार राय ने कहा, “किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन कानून का पालन सुनिश्चित होगा। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।”

यह घटना न केवल एक परिवार के दर्द को दर्शाती है, बल्कि सामुदायिक सद्भाव और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी व्यक्ति बिना तथ्यों के अफवाहें न फैलाए। मामले की आगे की जांच जारी है, और जल्द ही और खुलासे होने की संभावना है।

Other Latest News

Leave a Comment