सभा के बाद मजदूर विरोधी जारी कानून की प्रतियों को जलाया, रैली में जमकर लगे केन्द्र सरकार के विरोध में नारे
सोमवार को कथारा चेतना क्लब परिसर से युनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन (एक्ट) तथा सेन्ट्रल ट्रेड यूनियन के अवहान पर मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं को रद्द करने की मांग को लेकर आक्रोश रैली निकाली गई, जो कथारा मुख्य चौक व मुख्य बाजार होता हुआ सीसीएल कथारा जीएम कार्यालय के मुख्य चौराहे पर पहुच एक सभा मे तब्दील हो गई। यहां पर सभा को संबोधित करते हुए एटक के वरीय नेता सह जेबीसीसीआई सदस्य लखन लाल महतो ने केंद्र सरकार द्वारा लाये गये चारों मजदूर विरोधी संहिता के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अगर यह कानून केन्द्र सरकार वापस नहीं लेती है, तो मजदूर के सभी हक व अधिकार पुरी तरह खत्म हो जायेगा। कहे कि उक्त चारो श्रम संहिता के विरोध में आज पुरे राष्ट्रव्यापी काला दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू चारों श्रम संहिता की विस्तार से जानकारी देते हुए बताए कि पहला मजदूर संहिता (कोड आन वेजेज) 2019,दुसरा औद्योगिक संबंध संहिता (कोड आन आई आर) 2020, तिसरा सामाजिक सुरक्षा संहिता (कोड आन एस एस) 2020,चौथा व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एंव कार्य स्थिति संहिता (कोड आन ओ एस एच) 2020 यही चारों काला श्रम कानून केन्द्र ने पारित किया है। इसके अलावे उन्होंने उपस्थित लोगो को इन काले कानूनो के भारी नुकसान से भी अवगत करवाये। मौके पर और पुरे रैली के दौरान केन्द्र सरकार के विरुद्ध जमकर नारे बाजी की गई।

जबकि सभा समाप्ति से पुर्व युनियन के नेताओ और कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से चारों मजदूर विरोधी श्रम संहिता की कोपिया जलाई और नारे बाजी करते हुए आक्रोश व्यक्त किया। मौके पर कॉ चंद्रशेखर झा, नवीन विश्वकर्मा, लखन लाल महतो, मथुरा सिंह यादव, जवाहरलाल यादव, जितेंद्र दुबे, भीम महतो, गणेश महतो, रामेश्वर गोप, मदनलाल गोप, नागेश्वर यादव, मदन गोप, रामविलास रजवार, नुनु महतो, राजा भुइँया, धनंजय महतो, राम बिलास केवट, विश्वनाथ मुखिया, अर्जुन महतो आदि के अलावे दर्जनों कामगार व कर्मी शामिल थे।