सतबरवा प्रखंड के सुदूरवर्ती पीएम श्री सोहड़ीखास प्लस टू हाई स्कूल के बाल संसद ने छात्रों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह फैसला लिया कि जो बच्चे अनावश्यक रूप से विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं उनके घर जाकर बाल संसद की टीम भोजन एवं नाश्ता करेगी और यह तब तक जारी रहेगा जब तक वे विद्यालय नियमित रूप से आने का प्रण नहीं लेते हैं।
आपको बताते चलें कि यह वही विद्यालय है जो आजादी से पहले सन 1940 में स्थापित है एवं इस विद्यालय तक अभी तक कोई पहुंच पथ(सड़क) नहीं है जिसके कारण विद्यालय के बच्चे और शिक्षक एक पतली पगडंडी से ही आते जाते हैं जो निजी रैयतों का है और बरसात के दिनों में अनुपयोगी हो जाता है। इस विद्यालय के आसपास आदिवासी बहुल गांव है जहां शिक्षा की घोर कमी है यहां के बच्चे अपने माता-पिता के साथ रोजगार की तलाश में मौसमी पलायन करते हैं जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई काफी बाधित होती है। यह विद्यालय प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर सुरूर क्षेत्र में अवस्थित है। इस विद्यालय में करीब 1000 बच्चे पढ़ते हैं जो आसपास के गांव से आते हैं लेकिन पहुंच पथ नहीं होने के कारण उनकी पढ़ाई काफी प्रभावित होती है। विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक भरदुल कुमार सिंह कहते हैं कि हमने अपने स्तर से सभी पदाधिकारीयों को सूचित किया है उम्मीद है कि सड़क बनेगी और बच्चों की उपस्थिति बढ़ेगी।
बाल संसद के इस मासिक समीक्षा में विद्यालय के इको क्लब को एक्टिव करने, विद्यालय को ग्रीन ट्रिम थीम देने, खेलकूद में जिला लेवल पर पहुंचने के साथ साथ कई निर्णय लिए गए। इस बाल संसद के बैठक में प्रधानमंत्री लव कुमार सिंह, स्वास्थ्य मंत्री अर्चना कुमारी, स्वच्छता मंत्री बेबी कुमारी, सुरक्षा एवं न्याय मंत्री फुलवंती कुमारी, पोषण मंत्री आशीष कुमार यादव, उपस्थित मंत्री प्रकाश उरांव, शिक्षा मंत्री नीरज कुमार, कौशल विकास मंत्री अनूपा कुमारी, पर्यावरण मंत्री खुशबू कुमारी, खेलकूद एवं संस्कृति मंत्री रवनीत भुइयां, सूचना एवं संपर्क मंत्री अमित कुमार यादव व आकाश उरांव तथा विद्यालय के शिक्षक प्रतिनिधि के रूप में दिनेश रजक एवं सुरेंद्र राम ने भाग लिया