रिपोर्ट : अविनाश कुमार
विकलांग महिलाओं की पहचान तथा अधिकार मुद्दे पर स्वयं सेवी संस्था सहयोगिनी द्वारा बहादुरपुर स्थित सभागार में विश्व विकलांग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अवसर पर आमंत्रित प्रखंड जरीडीह, कसमार, पेटरवार एवं चास की 60 विकलांग महिलाएं भाग ली । विकलांगों (दइव्यआंगओ ) को सहयोगिनी की सचिव कल्याणी सागर ने संबोधित करते हुए कहा कि 25 नवंबर 2024 से 10 दिसंबर 2025 तक जिला के विभिन्न क्षेत्रों में 16 दिवसीय जागरूकता अभियान का चलाया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत विकलांग महिलाओं पर किये जा रहें हिंसा, अत्याचार, बलाकार, आर्थिक, मानसिक, सामाजिक प्रताड़ना से मुक्त करने की जानकारियां दी जाएगी, साथ ही ऐसी प्रताड़ित विकलांग महिलाओं को संस्था के द्बारा साथ रहकर मदद किया जायेगा। विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर विकलांग महिलाओं के अधिकार तथा उनकी पहचान के विषय पर जानकारी दी गई। विकलांग महिलाओं का संगठन निर्माण बनाने पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रिसोर्स पर्सन एसबी पांडे ने कहा सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर विकलांगों के विकास के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका लाभ सभी विकलांग ( दिव्यांग ) उठा सकते है। इस संबंध में निचले स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम करने की जरूरत है।
सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने कहा कि जेंडर आधारित हिंसा महिला विकलांग व्यक्तियों के लिए तब और जटिल हो जाती है जब इसमें जेंडर, जाति, विकलांगता और अक्सर सामाजिक-आर्थिक स्थिति या सांस्कृतिक हाशिए की जटिलता जुड़ जाती है। जिससे उनकी हाशिए की स्थिति और गहरी हो जाती है। सहयोगिनी की कोऑर्डिनेटर कुमारी किरण ने कहा कि नारीवादी आंदोलन समावेशी बनने के अपने प्रयास में विकलांगता न्याय के प्रश्न से जूझ रहा है अभी भी चैरिटी मॉडल पर केंद्रित है।
सामाजिक कार्यकर्ता सूरजमानी देवी ने कहा कि विकलांग महिलाओं के जेंडर आधारित और विकलांगता विरोधी हिंसा का सामना करने का खतरा कहीं अधिक है, फिर भी हमारे पास विकलांगता-केंद्रित प्रतिक्रियाओं की पर्याप्त कमी है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अनिल कुमार हेंब्रम, विनीता देवी, रवि कुमार राय, संगीता देवी, प्रतिमा सिंह, सोनी कुमारी, अभय कुमार सिंह, बिंदु देवी, अनवरी खातून, रितिका कुमारी, मनीष शर्मा, जी स्वामी, सनी कुमार, प्रकाश महतो आदि उपस्थित थे।