रांची : राज्य की 3 करोड़ जनता के लिए घोर चिंता का विषय है अभीतक बंगाल सरकार द्वारा आलू की अपूर्ति रोका हुआ है। 28 नवंबर से बंगाल सरकार द्वारा आलू की अपूर्ति पर रोक लगा दी गई है। झारखण्ड में बंगाल से रोजाना 3 हजार टन से अधिक मात्रा में आलू की अपूर्ति होती है, बंगाल से आलू की खरीद अन्य राज्य से कम कीमत में होती है, परिवहन खर्च कम होता है, परिवहन समय 12 घंटे लगता है जबकि अन्य राज्यों से 72 घंटे से अधिक लगता है। अचानक बंगाल सरकार द्वारा आलू की अपूर्ति रोक देने के कारण, अब झारखंड आलू की आपूर्ति के लिए पूर्णतया उत्तर प्रदेश पर आश्रित हो गया है जिससे आने वाने दिनों में उत्तर प्रदेश में भी आलू की कमी हो जाएगी और इस कारण वहाँ आलू की कीमत में निश्चित रूप से वृद्धि होगी साथ ही आलू की आपूर्ति भी प्रभावित होगी।
28 नवंबर से आलू की आपूर्ति बंगाल से बंद होने के कारण सम्पूर्ण झारखंड में आलू के खुदरा विक्री दर में ₹5/ से ₹10/ वृद्धि हो गई है जिस कारण झारखंड के 3 करोड़ से अधिक आबादी को रोजाना ₹50 से ₹100 करोड़ का अतिरिक्त बोझ सहन करना पड़ रहा है। राज्य के 33 हजार गांवों की जनता पर अतिरिक्त अर्थिक बोझ पड़ रहा है। माननीय लोकप्रिय मुख्य मंत्री श्री हेमंत सोरेन तथा राज्य के समस्त नव चयनित मंत्रियों से अनुरोध है कि वे बंगाल सरकार के इस असंवैधानिक कार्रवाई का पुरजोर विरोध करें एवं बंगाल सरकार पर घोर दबाव डाल कर अविलम बंगाल से आलू की सप्लाई पुनर्स्थापित करवाएं, अन्यथा उन्हें चेतावनी दें कि झारखंड से बंगाल में धान की आपूर्ति रोक दी जाएगी I