रिपोर्ट : नन्हे कुमार मौर्य
इलेक्ट्रो होम्योपैथी के आविष्कारक डॉ. काउंट सीजर मैटी का 216 वाँ जन्मदिवस आशीष इलेक्ट्रो होम्योपैथी इंस्टीट्यूट छजलापुर रायबरेली में धूमधाम से मनाया गया तथा चिकित्सकों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उक्त अवसर पर इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डॉ. पी. एन. कुशवाहा ने कहा कि आज के ही दिन डॉ. मैटी का जन्म 11 जनवरी 1809 को इटली के ब्रोलोग्ना में एक जमींदार परिवार में जन्म हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा उच्च कोटि की होने के कारण दलितों एवं गरीबो के प्रति अगाध प्रेम था। इसीलिए उन्होंने चिकित्सा सेवा का व्रत लिया और उन्होंने जड़ी बूटियों से निर्मित अर्क के रूप में इलेक्ट्रो होम्योपैथी का जन्म दिया । उक्त अवसर पर उपप्राचार्य डॉ. रमेश कुमार द्विवेदी ने कहा कि डॉ. मैटी एक चिकित्सक के अतिरिक्त महान दानी भी थे ।उन्होंने 1895 में कनक नेडी मंगलूर (दक्षिण भारत) में फादर मूलर स्थापित कुष्ठ निर्माण अस्पताल के दो हजार तीन सौ पंचान्नबे रुपये दान के रूप में प्रदान किया था ।
उक्त अवसर पर मा.क.पा. के पूर्व जिला मंत्री रामदीन विश्वकर्मा ने कहा कि सभी चिकित्सक जनपद में अपनी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से ही चिकित्सा को यही डॉ. मैटी के प्रति सच्ची श्रध्दांजलि होगी । उक्त अवसर पर डॉ. त्रिलोक सिंह, रमेश कुमार तिवारी, सत्यपाल वर्मा, सुनील कुमार, शोभनाथ, लाल जी पटेल, सालिकराम मौर्य, शुभम, राजेन्द्र सिंह रावेंद्र कुमार, मलखान, प्रदीप कुमार, राधेश्याम, रामसजीवन, रामविशाल, रामलखन आदि उपस्थित रहे।