रिपोर्ट : कुशल त्रिपाठी
महाकुंभ की नगरी प्रयागराज में भगदड़ को लेकर कुछ चश्मदीदों के हवाले यह भी बड़ा दावा किया जा रहा है कि मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर संगम नोज मैं भगदड़ तो हुई ही थी। इस के अलावा झूंसी में भी भगदड़ के कारण मौत का मंजर देखा गया. झूसी में हुई भगदड़ में 13 श्रद्धालुओं की मौत होने का दावा किया गया है. हालांकि इस घटना को लेकर के महाकुंभ के DIG वैभव कृष्ण ने साफ इनकार किया है. अब तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार डीआईजी वैभव कृष्ण इस भगदड़ की घटना से इंकार क्यों कर रहे हैं। महाकुंभ की नगरी प्रयागराज में भगदड़ वाली रात कितनी भयानक और कस्टमाइ थी, आप इसको वहां पर मौजूद चश्मदीद की जुबान से बयां किए जाने के बाद ही पता चला हैं. झूसी में हुई घटना के समय वहां मौजूद रहे चश्मदीद धीरे-धीरे सामने आकर के अपनी आंखों से देखा गया वह भयानक घटना को बयां कर रहे हैं। चश्मदीद हादसे वाली रात की कहानी सुना रहे हैं. साथ ही उनके द्वारा इस घटना को लेकर नए-नए खुलासे कर रहे हैं, यह सब जानने के बाद लग रहा है. कि, महाकुंभ मेला मैं मौजूद प्रशासन कुछ छिपा तो नहीं रहा है. महाकुंभ प्रशासन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना के बारे में जिक्र तक नहीं किया है प्रशासन के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में केवल संगम नोज पर हुआ और इसमें लगभग 30 लोगों की मौत हुई.
चश्मा डीडीओ ने सुनाया आंखों देखा हाल
हम आपको बताते चले की अब चश्मदीद जो कहानी अपनी जुबान से बयां कर रहे हैं. वो तो और भी चौंकाने देने वाली है. चश्मदीदों ने बताया कि प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दिनदिन एक नहीं बल्कि दो जगहों पर भगदड़ मची थी. मौनी अमावस्या के ही दिन सुबह के तकरीबन चार बजे झूंसी के सेक्टर-21 में भी जोरदार भगदड़ मची थी. घटना की जानकारी मिलने के पश्चात न्यूज़ नेशन भारत की टीम ग्राउंड जीरो में जाकर घटना के बारे में जानने की कोशिश की, ग्राउंड जीरो पर जाकर के झूसे में हुई इस भगदड़ में मौजूद कुछ दुकानदारो में भगदड़ के बारे में दबे शब्दों में बताया.

झूसी में हुई भगदड़ से 13 लोगों की मौत का अनुमान?
झूसी घटना में मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि भगदड़ में उसके परिजन का हाथ टूट गया. वहीं कुछ लापता हैं, जिनके बारे में प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे पा रहा है. जिस जगह पर यह भगदड़ हुई थी। वहीं पर एक व्यक्ति ठेला लगाए हुए था. उसने ब ताया कि भगदड़ में घायल हुए लोगों को पानी पिलाकर उनकी जान बचाई. साथ ही पांच लाशें तो उस ने खुद अपनी आंखों देखी. चश्मदीदों ने बताया कि झूंसी में हुई भगदड़ में लगभग 13 लोगों की मौत हुई है. हम आपको बताते चले की झूंसी के सेक्टर-21 की घटना के बारे में अब तक महाकुंभ प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी गई है . कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बोल रहा है. अब सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिरकार इस दर्दनाक घटना का जिम्मेदार कौन?
मीडिया के पहुंचने के बाद प्रशासन हुआ सक्रिय
हालांकि जब झूसी घटना के बारे में मीडिया को पता चला मीडिया मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी अर्जित कर पब्लिक किया। जब से झूंसी की खबर सुर्खियों में आई, तो महाकुंभ पुलिस-प्रशासन तेजी दिखाते हुए। आनन-फानन में महाकुंभ डीआईजी वैभव कृष्ण सामने आए. DIG वैभव कृष्ण ने कहा कि झूंसी में किसी भी प्रकार की कोई घटना नहीं घाटी है. हादसा केवल संगम नोज पर ही हुआ है. उन्होंने झूंसी की घटना से साफ इनकार कर दिया.
मेला प्रशासन ने किया घटना से इनकार
हालांकि मेला क्षेत्र के DIG वैभव कृष्ण हलकी इस घटना से इनकार कर रहे हैं, पर चश्मदीदों के बयान ने गम्भीर सवाल खड़ा कर दिया है, क्या महाकुंभ में दो जगहों पर भगदड़ मची है? भीड़ इतनी अधिक थी कि झूंसी वाली घटना का प्रशासन को पता तक नहीं चला? या संगम नोज की घटना की वजह से झूंसी की घटना पर मेला प्रशासन का ध्यान ही नहीं गया? अब सबके मन में एक बड़ा सवाल यह है. कि महाकुंभ प्रशासन कहीं कुछ छिपा तो नहीं रहा है?