रिपोर्ट : कुशल त्रिपाठी
महाकुंभ प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दौरान हुई। भगदड़ के 2 दिन बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस के बाहर ल अज्ञात मृतकों के पोस्टर लगाई गई है। कुंभ की नगरी प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ के 2 दिन बाद प्रशासन हलचल दिखाते हुए लगभग 24 अज्ञात मृत हुए श्रद्धालुओं के पोस्टर लगाए गए हैं. आपको बताते चलें कि पोस्टर के जरिए ही मृतकों की पहचान की कोशिश की जा रही है. जब से प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस के सामने पोस्टर लगाए गए हैं। उसके बाद से ही बड़ी संख्या में लोग अपनों की तलाश में पीएम हाउस पहुंच रहे।
इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है
प्रयागराज यूपी में मौनी अमावस्या की रात हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, मौनी अमावस्या में हुई। भगदड़ के बाद जो भी तस्वीरों सामने आई है। उन तस्वीरों ने पूरे देश को अंदर तक झकझोर दिया. आपको बता दे की मेला प्रशासन की ओर से अब तक इस हादसे में मारे जाने वालों की संख्या को लेकर कोई पुख्ता आंकड़ा अभी तक पब्लिक नहीं किया गया है. ऐसा इसलिए हो रहा है।क्योंकि प्रयागराज के पीएम हाउस में अब तक लगभग 24 अज्ञात मृतकों के चेहरे के पोस्टर मेला प्रशासन की ओर से लगा दिए गए हैं।
अब उठ रहे हैं कई तरह के सवाल
प्रयागराज पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लगे हुए । पोस्टरों से मेला प्रशासन के ऊपर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. साथ ही भगदड़ की वजहों के ऊपर भी नए-नए खुलासे देखने बात सुनने को मिल रहे हैं. यह सब जानने के बाद सबके मन में यही सवाल उठ रहा है. कहीं महाकुंभ मेला प्रशासन आम जनता से कुछ छिपा तो नहीं रहा है.
प्रयागराज पीएम हाउस के बाहर लगाए अज्ञात मृतकों के चेहरे के पोस्टर लगने के बाद से ही लोगों के मन में एक ही सवाल खड़ा उठ रहा हैं, कि आखिर कार मेला प्रशासन मरने वाले लोगों की संख्या को तो नहीं छिपा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मेला प्रशासन की ओर से केवल 24 अज्ञात मृतकों के पोस्टर लगाए गए हैं. जबकि इससे कहीं ज्यादा लोगों ने पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं. इस घटना को लेकर आधिकारिक आंकड़े प्रशासन की तरफ से भी जारी किए गए थे.

मृतकों की पहचान करने में जुटा प्रशासन
घटना के बाद से ही मेला प्रशासनमृतकों की पहचान में लगा हुआ है, तो साथ ही दूसरी तरफ कई लोग अपने परिवार के लोगों की तलाश करने में लगे हुए हैं. प्रशासन के माध्यम से लगाए गए पोस्टर के बाद से ही लोग अपने साथी और परिवार वालों की तलाश में पीएम हाउस पहुंच रहे हैं. फिलहाल अभी तक पोस्टर के किसी भी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है. मेला प्रशासन भी मृतकों की पहचान करने में जब जद्दोजहत कर रहा है.
दो जगह पर भगदड़ होने का दवा ?
महाकुंभ नागरी प्रयागराज में हुई भगदड़ के चश्मदीदों ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए। बताया है. कि, महाकुंभ क्षेत्र में मौनी अमावस्या की रात एक नहीं बल्कि दो जगहों पर भगदड़ मची थी. मौनी अमावस्या के दिन ही तकरीबन सुबह के चार बजे झूंसी के सेक्टर-21 में भी भगदड़ मची थी. जानकारी मिलने के बाद हमारी टीम ग्राउंड जीरो में जाकर के घटना के बारे में जानकारी अर्जित की। भगदड़ के समय मौजूद चश्मदीन तूने बताया। कि झूसी सेक्टर 21 में सुबह 4:00 के लगभग यहां भगदड़ के दौरान कई लोगों ने अपनी जान गवाही है, साथ यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए किसी भी प्रकार से इंतेजामत नहीं थे। अब आश्चर्य की बात यह है कि इस भगदड़ के बारे में प्रशासन किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दे रहा है. अब तो लोगों के मन में यह भी सवाल उठ रहा है। महाकुंभ प्रशासन की ओर से घटना को छुपाया तो नहीं जा रहा है. आखिरकार इतनी बड़ी त्रासदी का जिम्मेदार कौन है। मेला प्रशासन या कोई और ? अब यह देखने वाली बात होगी. कि इस घटना की जिम्मेदारी कौन लेता है।