Bihar Assembly Election Date Confirmed: बिहार की सियासत एक बार फिर चुनावी रंग में रंगने जा रही है। राजधानी पटना से लेकर सीमांचल तक हर गली-मोहल्ले में अब सिर्फ एक ही चर्चा है — “कब बजेगा लोकतंत्र का नगाड़ा?” चुनाव आयोग ने आखिरकार बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2025) को लेकर अपना फैसला सुना दिया है, जिससे पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। सभी राजनीतिक दल अब पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। बिहार की जनता इस बार क्या फैसला सुनाएगी यह आने वाले दिनों में तय होगा, लेकिन इतना जरूर है कि यह चुनाव राज्य के भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित होगा। क्या हैं चुनाव की तारीखें, कितने चरणों में होगा मतदान और क्या होंगी नई व्यवस्थाएं, आइए जानते हैं विस्तार से।
बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू/Bihar Assembly Election Date Confirmed
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा की। घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए उससे पहले नया सदन चुनने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चुनाव आयोग ने सभी जिलों के डीएम और एसपी को निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने यह भी कहा कि इस बार के चुनाव में 22 वर्षों बाद मतदाता सूची का शुद्धिकरण किया गया है, ताकि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से जोड़ा या हटाया न जाए। आयोग की कोशिश है कि यह चुनाव पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता और आधुनिक तकनीक के साथ संपन्न हो।

80 वर्ष से अधिक मतदाताओं के लिए नई सुविधा
इस बार का चुनाव पिछले सभी चुनावों से अलग होने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं को एक विशेष सुविधा दी जा रही है — अब वे अपने घर पर ही मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग की टीम उनके घर जाकर वोट डलवाएगी, जिससे बुजुर्गों को मतदान केंद्र तक जाने में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
इसके साथ ही आयोग ने साफ किया कि अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। चुनाव आयोग का लक्ष्य है कि हर मतदाता सुरक्षित, निडर और स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
ईवीएम में आएगा नया बदलाव
आयोग ने इस बार के चुनाव में 17 नये प्रयोगों की घोषणा की है। इनमें सबसे बड़ा बदलाव है — ईवीएम में प्रत्याशियों के रंगीन फोटो। इससे मतदाता आसानी से अपने उम्मीदवार की पहचान कर सकेंगे और भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। इसके अलावा, हर मतदान केंद्र पर औसतन 818 मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा दी जाएगी ताकि भीड़भाड़ न हो। चुनाव आयोग ने कहा है कि हर बूथ को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाया जाएगा और मतदान केंद्रों पर पीने के पानी, रैंप और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं अनिवार्य होंगी। ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस बार की व्यवस्था “मतदाता केंद्रित” होगी, जिसमें हर सुविधा जनता के अनुभव को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
पिछले चुनावों की झलक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
2020 में बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न हुआ था, जिसमें कुल 243 सीटों पर मतदान हुआ था। उस समय पहला चरण 28 अक्टूबर, दूसरा 3 नवंबर और तीसरा 7 नवंबर को आयोजित किया गया था। मतगणना 10 नवंबर को हुई थी।
अगर बिहार के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो राज्य में मतदान के चरण समय-समय पर बदलते रहे हैं।
- 1969, 1980 और 1990 में एक चरण
- 1985 में दो चरण
- 1977, 2000, 2005 और 2020 में तीन चरण
- 1995 और 2015 में पांच चरण
- 2010 में छह चरणों में मतदान हुआ था।
हर बार बिहार का चुनाव अपने आप में अलग अनुभव और नई राजनीतिक दिशा लेकर आता है।
इस बार का चुनाव क्यों है खास
बिहार (Bihar Election 2025) में इस बार करीब 7 करोड़ 41 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग ने सभी जिलों में नई तकनीक से लैस पोलिंग बूथ तैयार करने के निर्देश दिए हैं। खास बात यह है कि इस बार चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हर जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती, रियल-टाइम निगरानी और ड्रोन सर्विलांस की व्यवस्था की जाएगी। राजनीतिक दलों की तैयारी भी जोरों पर है — कहीं रैलियों की गूंज है तो कहीं सोशल मीडिया कैंपेन का शोर। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इस बार किसे अपना नेता चुनती है, सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी, इसका फैसला जनता ही करेगी।
Ghatshila उप चुनाव की तिथि की घोषणा, 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना










