Prayagraj News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाना क्षेत्र में मंगलवार दोपहर एक सनसनीखेज घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के एक बस ड्राइवर रावेंद्र कुमार उर्फ मुन्नू (40 वर्ष) की पांच हमलावरों ने मामूली विवाद के बाद ईंट-पत्थर से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी। घटना मुंडेरा चुंगी स्थित एक पेट्रोल पंप पर हुई, जहां सीसीटीवी फुटेज में हमलावरों का यह बर्बर हमला साफ कैद हो गया है। हत्या के बाद आक्रोशित परिजनों और करीब एक हजार ग्रामीणों ने मृतक का शव सड़क पर रखकर प्रयागराज-कानपुर हाईवे (जीटी रोड) पर करीब तीन घंटे तक चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शन के दौरान गुस्साए लोगों ने सड़क किनारे खड़े वाहनों पर तोड़फोड़ की, जिसमें एक सरकारी नंबर वाली कार पर पथराव भी किया गया। इस जाम से हाईवे पर लगभग 3 किलोमीटर लंबी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई, जिसे खुलवाने के लिए प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी (PAC) बल को बुलाना पड़ा।
घटना का विवरण: मामूली कहासुनी से बनी हत्या की साजिश

घटना मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे की बताई जा रही है। रावेंद्र कुमार, जो नीमसराय गांव के निवासी थे, संदिवा डिपो में रोडवेज बस चलाते थे। वे अपनी ड्यूटी के बाद पेट्रोल पंप पर रुके थे, जहां कुछ स्थानीय लोगों के साथ मामूली कहासुनी हो गई। सूत्रों के अनुसार, यह विवाद पुरानी रंजिश से जुड़ा हो सकता है, और आरोपी पक्ष दूसरे समुदाय का बताया जा रहा है। अचानक बहस भड़क उठी और पांच हमलावरों ने रावेंद्र पर ईंट-पत्थरों की बौछार कर दी। एक भारी ईंट सीधे उनके सिर पर लगी, जिससे वे मौके पर ही गिर पड़े और खून से लथपथ हो गए। हमलावरों ने इतनी बेरहमी से हमला किया कि रावेंद्र वहीं दम तोड़ बैठे।
आसपास के लोग चिल्लाने-चिल्लाने लगे, जिसके शोर से हमलावर मौके से फरार हो गए। घटनास्थल पर पहुंची स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से हमला बोला—एक ने ईंट उठाई और सीधे सिर पर मारी, जबकि बाकी ने पत्थरों से वार किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया। धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर अमरनाथ राय ने बताया कि जांच चल रही है और आरोपी जल्द गिरफ्तार हो जाएंगे। प्रारंभिक पूछताछ में पुरानी रंजिश का पता चला है, लेकिन विस्तृत जानकारी के लिए फॉरेंसिक टीम भी लगाई गई है।
आक्रोश का विस्फोट: हाईवे जाम और तोड़फोड़
मृतक रावेंद्र की मौत की खबर फैलते ही उनके परिजन और इलाके के ग्रामीण भड़क उठे। रावेंद्र का शव लेकर वे घटनास्थल पर ही लौट आए और जीटी रोड को अवरुद्ध कर दिया। करीब एक हजार लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी— “हत्या के आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करो”, “डीएम-एसएसपी मौके पर आएं” जैसे नारे गूंजने लगे। प्रदर्शनकारियों ने शव को सड़क पर रखा और वाहनों को आगे बढ़ने नहीं दिया। गुस्से में लोग सड़क किनारे खड़े वाहनों पर टूट पड़े। विशेष रूप से एक कार, जिस पर “भारत सरकार” लिखा था, पर भारी पथराव किया गया। इस तोड़फोड़ से कई वाहनों के शीशे टूट गए और डेंट हो गए।
जाम इतना लंबा हो गया कि प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर 3 किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई। हजारों यात्री फंस गए, जिसमें स्कूल वैन से लेकर ट्रक तक शामिल थे। ट्रैफिक पुलिस की अपील के बावजूद लोग डटे रहे। स्थिति बेकाबू होती देख धूमनगंज पुलिस ने PAC फोर्स बुलाई, जो मौके पर पहुंचकर बैरिकेडिंग करने लगी। प्रदर्शनकारियों का मुख्य मांग थी—हत्या के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, परिवार को सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस और मुआवजा। उनका कहना था कि जब तक ये मांगे पूरी न हों, शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं सौंपेंगे।
इलाके में तनाव: बाजार बंद, सन्नाटा पसर गया
इस घटना ने धूमनगंज और आसपास के इलाकों में भारी तनाव पैदा कर दिया। हत्या के तुरंत बाद स्थानीय दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए, और बाजार में सन्नाटा छा गया। लोग घरों में कैद हो गए, जबकि सड़कों पर सतर्कता बरती जा रही थी। कुछ जगहों पर छोटे-मोटे झड़प की आशंका से पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह हत्या सामुदायिक तनाव को बढ़ावा देगी, इसलिए तत्काल कार्रवाई जरूरी है।
पुलिस की कार्रवाई: तीन मांगें मानीं, शव सौंपा
लगभग तीन घंटे के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने परिजनों की तीनों मांगें मान लीं। पहली मांग—हत्या के पांचों आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजना। दूसरी—परिवार की सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस जारी करना। तीसरी—मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देना। इन आश्वासनों के बाद परिजनों ने रावेंद्र का शव पुलिस के हवाले कर दिया। एडीसीपी (नगर) ने मौके पर पहुंचकर कहा, “परिजनों की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की जाएगी। हम पूरे प्रकरण की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” इंस्पेक्टर अमरनाथ राय ने भी पुष्टि की कि आरोपी पक्ष दूसरे समुदाय का है, लेकिन जांच में कोई भेदभाव नहीं होगा।
एडीसीपी नगर का बयान
“यह एक दुखद घटना है। हमने परिजनों की सभी मांगें स्वीकार कर ली हैं। एफआईआर तहरीर के आधार पर दर्ज हो जाएगी, और स्पेशल टीम आरोपी ढूंढ रही है। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए फोर्स तैनात है।”
परिजन (रावेंद्र की पत्नी) का बयान
“मेरा पति कमाने-खाने वाला इकलौता था। इन हमलों ने हमें बर्बाद कर दिया। पुलिस ने वादा किया है कि न्याय मिलेगा, लेकिन हम डरते हैं। शस्त्र लाइसेंस और मुआवजा जरूरी है, वरना हम कैसे रहेंगे?”
यह घटना प्रयागराज में सांप्रदायिक सद्भाव को चुनौती दे रही है। पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है, और उच्चाधिकारियों ने जांच की निगरानी के आदेश दिए हैं। रावेंद्र के दो बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता अब न्याय की आस में हैं।










