बोकारो जिले के अंतर्गत गोमिया प्रखंड में स्वयंसेवी संस्था जीवन ज्योति जनकल्याण केंद्र गोमिया के द्वारा विश्व बाल श्रम निषेद दिवस मनाया गया।कार्यक्रम में 25 किशोरियां शामिल हुई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समन्वयम रूही प्रवीण ने कहा की बाल श्रम किसी भी प्रकार के काम में नकद या वस्तु के रूप में पारिश्रमिक के लिए किसी बच्चे को नियोजित करना बाल श्रम कहलाता है, जो एक व्यापक समस्या है जो बच्चों के सबसे मौलिक अधिकार-शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन करती है। बाल श्रम के कारण बच्चों को विभिन्न जोखिमों, शारीरिक चोटों, बीमारियों, दुर्व्यवहार और शोषण का सामना करना पड़ता है,जिससे उनके शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य, मृत्यु दर एवं जीवन प्रत्याशा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जीवन ज्योति जनकल्याण केंद्र सचिव सूरज कुमार यादव ने कहा की बाल श्रम युवाओं को शिक्षा, उनके अधिकार से वंचित करता है और पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी के चक्र को समाप्त करने की बजाय उसे मजबूत करता है। जबकि सरकारों व अन्य नागरिक समाजिक संगठनों का ध्यान बच्चों को इन हानिकारक स्थितियों से निकालने पर है, उनके मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर काफी हद तक ध्यान नहीं दिया जाता है। बाल श्रम के मनोवैज्ञानिक प्रभाव शारीरिक प्रभावों की तरह ही गंभीर हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रभावित बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी अधिक ध्यान दिया जाए। कार्यक्रम को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सरोज कुमार अड्डी ने कहा की बाल श्रम के लिए ज्यादातर माता-पिता, अभिवावक जिम्मेदार है।

कोई भी बालक स्वयं नहीं चाहेगा कि वो कहीं मजदूरी करे और पैसा कमाए, अपवाद के रूप में अगर कोई बच्चा है जिसका लालन पालन करने वाला कोई नहीं है तो वे मजबूरी और हालातवश में आकर स्वयं के निर्णय से बाल-श्रम के जाल में फस सकते हैं। इस कार्यक्रममें किशोरी समूह से आरती कुमारी, सबिता कुमारी रानी कुमारी, हिना प्रवीण, ललिता कुमारी, संस्था की ओर से लीला देवी, शंकर कुमार दास, राधा रानी देवी, बेबी देवी, मनोरमा देवी, पिंकी देवी सहित दर्जनों शामिल थे।