बेरमो : लोकतंत्र बचाओ अभियान कोर कमेटी के सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता अफजल अनीस ने बेरमो विधायक अनूप सिंह को उनके आवासीय कार्यालय फुसरो में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में 10 मांग रखी गई है जिसमें मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने और इससे संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान गाइडलाइंस को लागू कराने की मांग सरकार से कराने की मांग की है। अनीस ने बताया पिछले विधानसभा चुनाव 2019 में झामुमो गठबंधन को जनता का व्यापक जन समर्थन मिला था। पिछले 5 सालों में राज्य सरकार ने जन अपेक्षा अनुरूप कई काम किए हैं, लेकिन अनेक वादे अभी भी अपूर्ण है। लोकतंत्र बचाओ अभियान इंडिया गठबंधन के विधायकों से मिलकर विधानसभा चुनाव से पहले झामुमो गठबंधन के वादों व जन अपेक्षाओं को पूर्ण कराने के लिए सरकार से मांग करने की बात कह रहा है। अभियान झारखंड सरकार से मांग कर रही है कि
- पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा राज्य के 22 लाख एकड़ गैर मजरूवा व सामुदायिक जमीन को लैंड बैंक में डाल दिया गया था उसे तुरंत रद्द किया जाए।
- पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आदिवासियों के स्वशासन के अधिकारों को पेसा के संगत पूर्णत: लागू किया जाए और पैसा नियमावली का गठन हो। सर्वोच्च न्यायालय के 25 जुलाई 2024 के निर्णय अनुसार राज्य सरकार तुरंत खनन पर राज्य कर लगाए एवं उसका कम से कम आधा हिस्सा ग्राम सभा को दे।
- लंबे समय से जेल में बंद विचाराधीन कैदियों की तुरंत रिहाई की जाए फर्जी मामलों में फंसे आदिवासी मूल वासियों व वंचितों के मामलों को बंद करने के लिए उच्च स्तरीय न्यायिक जांच का गठन हो।
- झारखंडी जनाकांक्षाओं के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति को तुरंत लागू किया जाए। सभी रिक्त पदों को भरा जाए, खासकर शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा संबंधित सभी पदों को सभी नियुक्तियों में प्राथमिकता स्थानीय व आदिवासी मूल वासियों को दी जाए।
- दलित समुदाय के लिए जाति प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आवेदक को तुरंत जाति प्रमाण पत्र दिया जाए। साथ ही भूमिहीन परिवारों खासकर दलित को पर्याप्त भूमि पट्टा का आवंटन हो।
- पलायन रोकने के लिए तुरंत मनरेगा में भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई हो एवं शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू हो।
- राज्य में व्यापक कुपोषण को कम करने के लिए 5 वर्षों से लगातार किए जा रहे वादे आंगनबाड़ी व मध्याह्न भोजन में रोज अंडा को लागू किया जाए।
- मॉब लिंचिंग के विरुद्ध विशेष कानून बने एवं इससे संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान गाइडलाइंस को लागू किया जाए।
- चुनाव से पहले नफरती व सांप्रदायिक भाषण व गतिविधियों का इस्तेमाल कर सांप्रदायिकता फैलाने और चुनाव में धार्मिक धुव्रीकरण की कोशिश बढ़ सकती है। इसलिए प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिया जाए कि नफरती व सांप्रदायिक भाषण व गतिविधियों के विरुद्ध न्याय संगत कार्रवाई की जाए।
- महिला आयोग व सूचना आयोग में नियुक्ति कर इन्हें सक्रिय किया जाए।