रिपोर्ट : अविनाश कुमार
पूर्व निर्धारित पतंजलि का पशुपालकों के लिए पतंजलि डेयरी सम्मेलन का एक दिवसीय शिविर शुक्रवार को करगली स्थित कल्याण मंडप में संपन्न हुआ। यहां कार्यशाला के उद्देश्य को आधुनिक तकनीक से पशुपालक और डेयरी से जुड़े लोगों को देशी गायो के संवर्धन और आय को बढ़ाने को लेकर कई तरह की जानकारी साझा की गई। पतंजलि ग्राम उद्योग न्यास के राष्ट्रीय प्रबंधक शिवराज सिंह चौहान व जोनल मैनेजर बालमुकुंद कदमावाले ने बताया कि यूरिया वाले खाद और चारा का उपयोग से गायो में बांझपन हो रही है। बताया कि पतंजलि का पशुआहार यूरिया मुक्त और खनिज वा विटामिन से भरपूर है। गौशाला उसी को कहते है जहां दूध देने वाली गाय और दूध नहीं देने वाली गाय में अंतर न पता चले। खरीदारों की जानकारी के लिए बताया कि दूध उसी का ले जो गाये स्वस्थ हो, कभी भी गाय को अपनी मर्जी से दवा न दे, हमेश एक जानकार डॉक्टर से जरूर सलाह ले। भारत सरकार में कार्यरत डॉ गणेश अडराव ने बताया कि पशुपालन झारखण्ड 2.5 लाख करोड़ का भागदारी निभाता है। बताया कि झारखंड में पशुपालन में बढ़ोत्तरी हुई है। गाय को उनकी दूध की मात्रा के अनुसार पानी की जरूरत होती है एक शोध के अनुसार अगर गाय 1 लीटर दूध देती है, तो उसे कम से कम 4 लीटर पानी की जरूरत होती है। मौके पर डॉ श्याम सुंदर बेठा, गणेश आदिराव, प्रवीण गुप्ता, नवीन गर्ग, अमरजीत सिंह, प्रिंस तिवारी, शुभम सिंह, बलराम राय, अतुल दुबे, समीर गिरी आदि लोग़ मौजूद थे।