भारत ने पूरी दुनिया को बता दिया, हारी बाज़ी को जीतना, हमें आता है
रिपोर्ट : नासिफ खान
वर्ल्डकप की जीत ने पूरे इंदौर में दीपावली मनवा दी। इतने पटाखे फूटे जितने दिवाली की रात फोड़े जाते हैं। पूरा शहर उत्सव में डूब गया। हर रास्ता राजवाड़ा तरफ जाने लगा। हजारो का सैलाब जनता चोक बढ़ने लगा। एरोड्रम रोड वालो को भी राजवाड़ा जाना था तो सुदामा नगर वालो को भी। विजयनगर, तिलकनगर को भी राजबाड़ा आना था तो मालवा मिल ऒर छावनी वालो को भी। अब राजबाड़ा अपने आंगन में कितने इन्दौरी समाता? वहां तो पांव रखने की जगह नही थी। पूरा खजूरी बाज़ार जाम था। यशवंत रोड की तरफ हरसिद्धि मन्दिर तक जाम लगा था। इमली बाज़ार, आड़ा बाज़ार, पीर गली, कृष्णपुरा, सुभाष चौक सहित हर वो गली जाम थी जिसका एक मुहाना राजबाड़ा से मिलता है। लिहाजा परिणाम ये रहा कि शहर का हर चोराहा राजबाड़ा हो गया। रीगल टाकीज, महू नाका, पलासिया, विजय नगर, मालवा मिल, बड़ा गणपति, छावनी, रेसकोर्स रॉड, भंवरकुआं, नवलखा आदि चौराहै राजबाड़ा बन गए जहां रात 3 बजे तक जश्न चलता रहा। जीत का उत्सव मनाने लोग परिवार सहित घरों से बाहर निकले।

राजबाड़ा पर तो हालात रँगपंचमी से भी ज्यादा भीड़ के थे। मा अहिल्या के आँगन में इतने लोग उमड़े की पैदल चलना भी दूभर हो गया। जो कार लेकर फंस गए, वे कार की छत को पिचकाएँ बगेर आगे बढ़ न सके। ऐसी आतिशबाजी की आंखे चुंधिया गई। इस जश्न में सब समरस थे। कोई बड़ा छोटा नही। अमीर गरीब नही। सब ख़ालिस हिंदुस्तानी। शुद्ध क्रिकेटप्रेमी। यादगार जीत के साथ इंदौर और इंदोरियो ने यादगार लम्हों को जीभरकर जिया। बाजीगरों ने हारी हुई बाज़ी जो जीत ली थी।