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महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता मायने नहीं रखती, बल्कि हृदय की सुंदरता देख जाना चाहिए : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

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गंगा यमुना के पावन संगम पर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी से हो गया है। महाकुंभ में श्रध्दालुओं का सैलाब जोर शोर से बढ़ता जा रहा है। पूर्व मॉडल और एंकर रह चुकी हर्षा रिछारिया को महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में शामिल करा महामंडलेश्वर जी के शाही रथ पर बिठाए जाने पर विवाद शुरू हो गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस पर तीखे सवाल उठाए हैं।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी का मानना है। महाकुंभ में इस तरह कि परंपरा को करना किसी भी प्रकार से सही नहीं है। यह विकृत मानसिकता का ही परिणाम है। महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता और मन की शुद्धता देखा जाना चाहिए था। उन्होंने शंकराचार्य जी ने कहा कि जो अभी यह नहीं तय कर पाया है कि संन्यास की दीक्षा लेनी है या फिर वैवाहिक जीवन का पालन करना है उन लोगों को संत महात्माओं के शाही रथ पर जगह दिया जाना अनुचित है। आप श्रद्धालु के तौर पर शामिल होती तब तक भी ठीक था,लेकिन आप भगवा कपड़े पहन कर शाही रथ पर बैठाना पूरी तरह से अनुचित है।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी ने समझते हुए। कहा कि सनातन के प्रति समर्पण होना जरूरी है। पर उसका दुरुपयोग करना उचित नहीं है। महाकुंभ में चेहरे की खूबसूरती नहीं, बल्कि मन की खूबसूरती देखी जानी चाहिए थी। जिस तरह पुलिस की पोसग (वर्दी )सिर्फ पुलिस में भर्ती लोगों को ही मिलती है इस प्रकार से भगवा वस्त्र सिर्फ सन्यासियो को ही पहनने की अनुमति है।

आप को बता दें कि पूर्व मॉडल/एंकर (हर्षा रिछारिया) निरंजनी अखाडे़ के महामंडलेश्वर कैलाशानंद महाराज की शिष्या हैं। पूर्व मॉडल/एंकर (हर्षा )मूल रूप से मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली है। साध्वी होने के साथ ही हर्षा एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर भी हैं। हर्षा के महाकुंभके वायरल वीडियो और तस्वीरों को देखकर उनके फैंस उन्हें 2025 महाकुंभ फेम का खिताब दे भी रहे हैं। हालांकि!हर्षा रातोंरात इस वजह से नहीं फेमस हुईं कि वे एक साध्वी हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर उनके वायरल होने और फॉलोअर्स बढ़ने का बड़ा कारण है। उनकी बेशुमार खूबसूरती हैं। उन्हें इस महाकुंभ में आने वाली सबसे खूबसूरत साध्वी भी कहा जा रहा है।

साध्वी हर्षा ने कहा हैं कि मेरे 13 जनवरी को इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगभग 667K फॉलोअर्स थे, हलकी एक दिन में(14 जनवरी) को उनके फॉलोअर्स की संख्या अचानक बढ़ गई और उनके फॉलोअर्स 1 मिलियन तक पहुंच गए। यानी कि एक दिन में हर्षा के लगभग 3 लाख 33 हजार फॉलोअर्स बढ़े हैं।

अब साध्वी के रूप में वायरल होने के बाद हर्षा की कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियो को भी लोग जाम कर शेयर कर रहे हैं। इन सभी वीडियो में हर्षा एंकरिंग करती हुई नजर आ रही हैं, तो किसी में भक्ति एल्बम में अभिनय और इंस्टाग्राम पर कंटेंट बनाती हुई दिख रही हैं। हर्षा के अपने इंस्टाग्राम बायो में उनके आध्यात्मिक संबंध और उत्तराखंड से जुड़ाव के बारे में भी लिखा है। हालांकि हर्षा के ज्यादातर पोस्ट धार्मिक विषयों पर ही केंद्रित हैं।साथ ही सोशल मीडिया पर हर्षा हिंदूवादी बात करती हुई नजर आती हैं, जिसके चलते कई बार उन्हें धमकियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

अपनी खूबसूरती के चलते चर्चा में आई साध्वी हर्षा रिछारिया के मानना हैं कि दो साल पहले ही आध्यात्मिक जीवन की। तलाश में उनका झुकाव अध्यात्म की ओर बढ़ा और उन्हें जो भी अपनी लाइफ में करना था वो सब छोड़कर उन्होंने साध्वी बनने का रास्ता चुन लिया है। वे एक एंकर रही हैं शो हॉस्ट करा करती थीं और उन्हें ट्रेवलिंग भी पसंद थी, इसलिए ट्रेवलिंग ब्लॉग बना करसोशल मीडिया में अपलोड करती थी। अब ग्लैमरस लाइफ को त्याग कर वे सुकून की दुनिया में खुश हैं और अध्यात्म में लीन हैं।

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